Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Mar, 2024 08:14 AM
अधिकांश मंदिरों का अपना विशेष प्रसाद होता है अर्थात प्रत्येक देवता को एक विशेष प्रकार का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इनमें से कुछ मंदिर यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करते हैं कि
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Temples of India and Their Unique Prasad: अधिकांश मंदिरों का अपना विशेष प्रसाद होता है अर्थात प्रत्येक देवता को एक विशेष प्रकार का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इनमें से कुछ मंदिर यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करते हैं कि उनका प्रसाद सबसे अनोखा हो।
Mahadeva Temple (Mazhuvanchery, Thrissur, Kerala)महादेव मंदिर (मझुवांचेरी, त्रिशूर, केरल)
यहां भगवान शिव के सम्मान में चढ़ाया जाने वाला प्रसाद बाकी सब चीजों को मात देता है। जहां अधिकांश प्रसाद खाने योग्य होते हैं, त्रिशूर के मझुवांचेरी के महादेव मंदिर में दिए जाने वाले प्रसाद में सूचनात्मक ब्रोशर, पाठ्य पुस्तकें, डी.वी.डी., सी.डी. और लेखन सामग्री शामिल होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि मंदिर ट्रस्ट के अनुसार अन्य सभी प्रकार के प्रसाद में से ज्ञान प्रदान करना सबसे अच्छा है।
Kamakhya Devi Temple (Guwahati, Assam) कामाख्या देवी मंदिर (गुवाहाटी, असम)
गुवाहाटी में स्थित कामाख्या देवी मंदिर में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद के समान अद्वितीय कोई प्रसाद नहीं। धर्म पुराणों के अनुसार माना जाता है कि इस शक्तिपीठ पर माता सती की योनी गिरी थी। माता के मासिक धर्म से जुड़ा उत्सव यहां वर्ष में एक बार जून महीने में मनाया जाता है। इस अवसर पर यहां ‘अम्बुबाची मेला’ लगता है। मेले के दौरान पास में स्थित ब्रह्मपुत्र का पानी 3 दिन के लिए लाल हो जाता है। पानी का यह लाल रंग कामाख्या देवी के मासिक धर्म के कारण होता है। मंदिर तीन दिन बंद रहता है, जिसके बाद दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। मंदिर में भक्तों को बहुत ही अजीबो-गरीब प्रसाद दिया जाता है। दूसरे शक्तिपीठों की तुलना में कामाख्या देवी मंदिर में प्रसाद के रूप में लाल रंग का गीला कपड़ा दिया जाता है।
जब मां को तीन दिन का रजस्वला होता है तो सफेद रंग का कपड़ा मंदिर के अंदर बिछा दिया जाता है। तीन दिन बाद जब मंदिर के दरवाजे खोले जाते हैं, तब वह वस्त्र माता के रज से भीगा होता है। इस कपड़े को ‘अम्बुबाची वस्त्र’ कहते हैं, इसे ही भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
Kali Temple (Kolkata, West Bengal) काली मंदिर (कोलकाता, पश्चिम बंगाल)
कोलकाता के टांगरा क्षेत्र में काली मां का एक अनूठा मंदिर स्थित है। खास बात है कि इस मंदिर में भक्तों को नूडल्स का प्रसाद मिलता है।
Ajgar Koil (Madurai, Tamil Nadu) अजगर कोइल (मदुरै, तमिलनाडु)
इसे लोकप्रिय रूप से अजगर मंदिर के रूप में जाना जाता है जो मदुरै से 21 कि.मी. दूर स्थित है। मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और भक्तों को प्रसाद के रूप में डोसा वितरित करता है। हां, ऐसा इसलिए है क्योंकि कई भक्त देवता को प्रसाद के रूप में अनाज चढ़ाते हैं और फिर इन अनाजों का उपयोग प्रसाद के रूप में ताजा, कुरकुरा डोसा बनाने के लिए किया जाता है।
Karni Mata Temple, Bikaner करणी माता मंदिर, बीकानेर
बीकानेर में करणी माता मंदिर अपने चूहों के लिए प्रसिद्ध है। हां मंदिर और मंदिर परिसर के भीतर चूहे स्वतंत्र रूप से घूमते हैं, यहां प्रसाद पहले इन कृन्तकों को दिया जाता है और फिर भक्तों को मिलता है। जाहिर है, प्रसाद में चूहे की लार होती है लेकिन मान्यता है कि चूहों का जूठा किया यह प्रसाद भक्तों के लिए सौभाग्य लेकर आता है।
Khabis Baba Temple (Sandana, Sitapur, Uttar Pradesh) खबीस बाबा मंदिर (संदाना, सीतापुर, उत्तर प्रदेश)
यह मंदिर उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में लखनऊ से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित है। इस मंदिर में कोई देवता या पुजारी नहीं है। वास्तव में यहां दिया जाने वाला प्रसाद और भी अनोखा है क्योंकि यहां भक्त शराब चढ़ाते हैं। 150 साल पहले यहां रहने वाले संत के सम्मान में एक ऊंचे मंच पर चप्पल के आकार की संरचना की एक जोड़ी को शराब चढ़ाई जाती है। भक्तों को एकत्रित शराब का कुछ हिस्सा ही प्रसाद के रूप में मिलता है।
Jai Durga Peetham Temple (Chennai, Tamil Nadu) जय दुर्गा पीठम मंदिर (चेन्नई, तमिलनाडु)
चेन्नई के पडप्पई में बने जय दुर्गा पीठम मंदिर में प्रसाद के रूप में लोगों को ब्राऊनी, बर्गर, सैंडविच और चैरी-टमाटर का सलाद दिया जाता है।
Balasubramaniam Temple (Alleppey, Kerala) बालसुब्रमणिया मंदिर (अलेप्पी, केरल)
इस मंदिर में भगवान को प्रसाद के रूप में चॉकलेट अर्पित की जाती है और चॉकलेट का ही प्रसाद वितरित किया जाता है।