Edited By Jyoti,Updated: 10 Sep, 2019 09:07 AM
जैसे कि आप सब जानते हैं हिंदू धर्म के अनुसार प्रत्येक दिन कोई न कोई त्यौहार या पर्व मनाया जाता है। आज यानि मंगलवार तारीख 10 सितंबर, 2019 को भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन वामन जयंती मनाई जाएगी।
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जैसे कि आप सब जानते हैं हिंदू धर्म के अनुसार प्रत्येक दिन कोई न कोई त्यौहार या पर्व मनाया जाता है। आज यानि मंगलवार तारीख 10 सितंबर, 2019 को भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन वामन जयंती मनाई जाएगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार वामन विष्णु के पांचवें तथा त्रेता युग के पहले अवतार थे। ये भी कहा जाता है कि यह विष्णु के सबसे पहले ऐसे अवतार थे जो मानव रूप में प्रकट हुए अलबत्ता बौने ब्राह्मण के रूप में। दक्षिण भारत में इनको उपेन्द्र के नाम से भी जाना जाता है।
पूरे भारत वर्ष में वामन द्वादशी का पर्व बड़ी श्रद्घा व उल्लास के साथ मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार यह पर्व समाज को संदेश देता है कि अंहकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है हम अंहकार से दूर रहकर ही दुराचार व अन्याय का दमन कर स्वस्थ समाज की परिकल्पना कर सकते हैं।
वामन अवतार भगवान विष्णु का अवतार हैं। वामन द्वादशी की दोपहर को स्वर्ण या यज्ञोपवित से निर्मित वामन भगवान का श्री रूप स्थापित कर सुवर्ण पात्र अथवा मिट्टी के पात्र में षोडशोपचारपूर्वक पूजन करने के उपरांत वामन भगवान की कथा सुनें, अर्ध्य दान करें, फल, फूल चढ़ावे। मिट्टी के पात्र में दही, चावल एवं शक्कर रखकर ब्राह्मण को माला, गउमुखी, कमण्डल, लाठी, आसन, गीता, फल, छाता, खडाऊ तथा दक्षिणा दान करें। आज के दिन फलाहार कर दूसरे दिन त्रयोदशी को व्रत पारण करें।
पूजन मंत्र
देवेश्वराय देवश्य, देव संभूति कारिणे। प्रभावे सर्व देवानां वामनाय नमो नमः।।
अर्ध्य मंत्र
नमस्ते पदमनाभाय नमस्ते जलः शायिने तुभ्यमर्च्य प्रयच्छामि वाल यामन अप्रिणे।। नमः शांग धनुर्याण पाठ्ये वामनाय च। यज्ञभुव फलदा त्रेच वामनाय नमो नमः।।
जो भक्ति श्रद्धा एवं भक्ति पूर्वक वामन भगवान की पूजा करते हैं वामन भगवान उनको सभी कष्टों से उसी प्रकार मुक्ति दिलाते हैं जैसे उन्होंने देवताओं को राजा बलि के कष्ट से मुक्त किया था। विधि-विधान पूर्वक पूजन करने से सुख, आनंद, मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।