Edited By Sarita Thapa,Updated: 31 Oct, 2025 06:02 AM

महाभारत के महान ज्ञानी महात्मा विदुर ने जीवन के हर क्षेत्र के लिए अमूल्य नीतियां बताई हैं। उनकी कही बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी हजारों वर्ष पहले थीं।
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Vidur Niti: महाभारत के महान ज्ञानी महात्मा विदुर ने जीवन के हर क्षेत्र के लिए अमूल्य नीतियां बताई हैं। उनकी कही बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी हजारों वर्ष पहले थीं। विदुर नीति में जीवन की सफलता, आचार, संबंध और कर्तव्य को लेकर ऐसे सूत्र बताए गए हैं, जो व्यक्ति के उत्थान या पतन का निर्धारण करते हैं। विदुर के अनुसार, कुछ आदतें ऐसी होती हैं जो मनुष्य के मार्ग में बाधा बन जाती हैं और धीरे-धीरे उसके पतन का कारण बनती हैं। तो आइए जानते हैं ऐसी कौन-सी पांच आदतें हैं जिनसे बचना जरूरी है।

आलस्य
विदुर नीति में कहा गया है कि जो व्यक्ति कार्य को टालता रहता है, वह कभी भी ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच सकता। आलस्य इंसान की योग्यता को कमजोर कर देता है। जो व्यक्ति समय पर काम करता है, वही जीवन में सम्मान और सफलता प्राप्त करता है।
क्रोध
क्रोध एक पल में वह सब नष्ट कर देता है जिसे पाने में वर्षों लगते हैं। विदुर कहते हैं कि जब व्यक्ति क्रोध के वश में होता है, तब वह अपने सही-गलत का निर्णय नहीं कर पाता। अतः क्रोध को नियंत्रित करना सफलता और शांति दोनों के लिए आवश्यक है।
असत्य और कपट
झूठ और छल का सहारा लेकर कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक सफलता नहीं पा सकता। विदुर नीति के अनुसार, जो व्यक्ति असत्य बोलता है, वह धीरे-धीरे समाज में अपना विश्वास खो देता है। सत्यनिष्ठा ही वह गुण है जो व्यक्ति को स्थायी सम्मान और प्रगति दिलाता है।

ईर्ष्या
दूसरों की सफलता देखकर जलने वाला व्यक्ति स्वयं की उन्नति का मार्ग बंद कर देता है। विदुर ने कहा है कि ईर्ष्या मनुष्य के मन को विषैला बना देती है और उसकी ऊर्जा गलत दिशा में लग जाती है। इसलिए दूसरों की सफलता से प्रेरणा लेना चाहिए, न कि ईर्ष्या।
अतिव्यय और लालच
जो व्यक्ति अपनी आय से अधिक खर्च करता है या हर चीज़ में अधिक पाने की लालसा रखता है, वह कभी संतोष नहीं पा सकता। विदुर नीति कहती है कि संयम और संतोष का पालन करने वाला व्यक्ति ही जीवन में स्थायी सुख और सफलता प्राप्त करता है।
