Edited By Jyoti,Updated: 11 Oct, 2019 04:35 PM
हिंदू धर्म में मनाए जाए वाले प्रमुख त्यौहारों में से एक है दिवाली का त्यौहार। भारत के साथ-साथ अन्य कई देशों में दिवाली का त्यौहार बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में मनाए जाए वाले प्रमुख त्यौहारों में से एक है दिवाली का त्यौहार। भारत के साथ-साथ अन्य कई देशों में दिवाली का त्यौहार बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक साल कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को धनतेरस के त्यौहार के साथ दिवाली की शुरूआत हो जाती है, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। मगर क्या आप जानते हैं आखिर धनतेरस का त्यौहार मनाने की परपंरा कैसे शुरू हुई और आख़िर क्यों दिवाली से एक दिन पहले भगवान धनवंतरी की पूजा करना आवश्यक होता है। अगर आप भी उन लोगों में शामिल है जो धनतेरस का पर्व तो मनाते हैं मगर जानते नहीं है कि इस दिन देवी लक्ष्मी से क्या संबंध है तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि इससे जुड़ी जानकारी।
हिंदू धर्म के ग्रंथों व पौराणिक शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था। जिसे धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। बता दें इसके अलावा इस दिन माता लक्ष्मी और कुबेर की भी पूजा होती है। माना जाता है धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी असल में समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। ग्रंथों में इनकी उत्पत्ति से जुड़ी कथाएं मिलती हैं। यहां जानें इनसे जुड़ी कथा-
धनतेरस कथा
शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी हाथों में स्वर्ण कलश लेकर समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए थे। जिन्होंने कलश में भरे हुए अमृत से देवताओं को पिलाकर अमर बनाया था। मान्यता है कि भगवान धनवंतरी के जन्म के दो दिनों बाद देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थी इसलिए दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।
शास्त्रों के अनुसार भगवान धनवंतरी देवताओं के वैद्य हैं। इनकी भक्ति और पूजा से आरोग्य सुख यानि स्वास्थ्य लाभ मिलता है। मान्यता है कि भगवान धनवंतरी भगवान विष्णु के ही अंशावतार हैं। जिनका अवतरण संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए हुआ था।