मार्शल आर्ट में आत्मरक्षा के साथ करियर के नए अवसर

Edited By Updated: 27 Jul, 2017 07:21 PM

new career opportunities with self defense in martial arts

मार्शल आर्ट का नाम सुनते है सबसे पहली बात मन में ...

नई दिल्ली : मार्शल आर्ट का नाम सुनते है सबसे पहली बात मन में आती है वह है आत्मरक्षा। क्योंकि मार्शल आर्ट आत्मरक्षा की ही एक विधा है जिसमें  सांस पर नियंत्रण, अनुशासन तथा एकाग्रता द्वारा स्टूडेंट्स को दांव-पेंच स्टाइल तथा आघात पहुंचाने की कला सिखाई जाती है। मार्शल आर्ट सीखकर न सिर्फ आत्मरक्षा की जा सकती है, बल्कि इसे करियर विकल्प भी चुना जा सकता है। मार्शल आर्ट में प्रशिक्षितों को सेना, अर्धसैनिक बलों, पुलिस बल तथा सुरक्षा एजेंसियों में रोजगार में प्राथमिकता मिलती है। अपराधियों से दो-दो हाथ करने के लिए इन दिनों मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।विभिन्न क्षेत्रों में जिस तरह मार्शल आर्ट के प्रशिक्षित लोगों की मांग इन दिनों बढ़ रही है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसर ही अवसर हैं।

शैलियां
यूरोप मार्शल आर्ट की कई व्यापक प्रणालियों का घर है। इसमें से अब कुछ ही अपने पारंपरिक रूप में उपलब्ध हैं। जोगो डु पाओ और सेवेट जैसी मार्शल आर्ट की पारंपरिक शैलियों के दर्शन अब भी यूरोप में कहीं- कहीं हो जाते हैं।ब्रूस ली की शैली कुंगफूके प्रभाव में अब पश्चिम के सभी देश आ गए हैं। प्रत्येक शैली के अद्वितीय पहलू उसे दूसरी मार्शल आर्ट से अलग बनाते हैं, लेकिन लड़ाई की तकनीकों का प्रबंधन एक ऐसा लक्षण है, जो सभी शैलियों में पाया जाता है। प्रशिक्षण के तरीके भिन्न होते हैं और उनमें मुक्केबाजी का अभ्यास, कृत्रिम लड़ाई या औपचारिक समूह या तकनीकों का व्यवहार हो सकता है, जिन्हें काता के नामसे जाना जाता है। एशिया और एशिया से आई मार्शल आर्ट में काता का विशेष महत्त्व होता है। आज पूरी दुनिया में कुंगफू , गोजू रियू, ताइक्वांडो और जूडो का विशेष रूप से प्रचलन है। पहली तीन शैलियों में आक्रमण, जबकि जूडो में आक्रमण की बजाय बचाव पर अधिक बल दिया जाता है।

मार्शल आर्ट के लाभ
प्रारंभ में मार्शल आर्ट का उद्देश्य आत्मरक्षा और जीवन का संरक्षण था। वर्तमान में प्रशिक्षु के लिए मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण अनेकों प्रकार से लाभ प्रदान करता है। मार्शल आर्ट के व्यवस्थित प्रशिक्षण से एक व्यक्ति का शारीरिक फिटनेस काफी हद तक बढ़ जाता है। इसके प्रशिक्षण से प्रशिक्षु में आत्म नियंत्रण, दृढ़ संकल्प और एकाग्रता की विशेषता उत्पन्न हो जाती है जो परिस्थितियों के अनुरूप हमेशा लाभकारी ढंग से और बिना तनाव के प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। गंभीर रूप से प्रशिक्षण का परिणाम आत्मरक्षा, फिर और मजबूत आत्म नियंत्रण होता है। प्रत्येक व्यक्ति खुद की क्षमताओंबारे में ही नहीं बल्कि सम्मान और न्याय की भावना में भी सुधार करता है।युवा नशे की प्रवृति से दूर रहता है। मार्शल आर्ट की कला युवा को इस व्यसन से कोसों दूर रखती है और यह सबसे बड़ा लाभ है

परिचय और पात्रता
मार्शल आर्ट में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ब्लैक बैल्ट दिया जाता है। ब्लैक बैल्ट प्राप्त स्टूडेंट्स के लिए लिखित परीक्षा होती है, जो स्टूडेंट्स इसमें सफल होते हैं, उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाता है। जूडो-कराटे के प्रथम चरण से लेकर ब्लैक बैल्ट तक के स्तर तक पहुंचने के लिए लगभग 3 से 4 वर्ष लग जाते हैं।

अवसर
मार्शल आर्ट में प्रशिक्षित युवा बतौर मार्शल आर्टिस्ट सरकारी नौकरी हासिल कर सकते हैं। युवा चाहें तो जिम या फिटनेससेंटर के अलावा विद्यालयों या कालेजों में भी बतौर इंस्ट्रक्टर अपना भविष्य संवार सकते हैं। अपना प्रशिक्षण संस्थान खोलकर भी कमाई की जा सकती है।

योग्यता
मार्शल आर्ट सीखने के लिए उम्र सीमा नहीं है। हालांकि 10 से 25 वर्ष तक के युवा आसानी से इसे सीख सकते हैं। मार्शल आर्ट उनके लिए बेहतर है, जो मानसिक और शारीरिक रूप से फिट हैं। इसके साथ ही इस क्षेत्र में बेहतर करने के लिए कड़ी मेहनत और जोश आदि गुणों का होना आवश्यक है।

कमाई
मार्शल आर्टिस्ट बनकर करियर के प्रारंभिक दौर में 15 से 20 हजार रुपए प्रतिमाह तक अर्जित किए जा सकते हैं। कुछ वर्षों के अनुभव के बाद बेहतर सैलरी पाई जा सकती है।

प्रमुख संस्थान

ग्लोबल स्पोर्ट्स कराटे डू इंडिया, हैदराबाद

अकेडमी ऑफकंबाइंड मार्शल आर्ट, अंधेरी वेस्ट, मुंबई

फ्रेंड्स अकेडमी ऑफमार्शल आर्ट, झंडेवाला, दिल्ली

सीडो कराटे इंडिया, नोएडा, उत्तरप्रदेश

संजय कराटे स्कूल जालंधर, पंजाब

ट्रेडिशनल स्कूल ऑफमार्शल आर्ट हुगली, पश्चिम बंगाल

कुंगफूकराटे अकेडमी, चंडीगढ़

IPL
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