Edited By Riya bawa,Updated: 24 Jun, 2020 02:50 PM
देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष के लाखों छात्रों के लिए राहतभरी खबर है। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जुलाई में आयोजित होने...
नई दिल्ली: देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष के लाखों छात्रों के लिए राहतभरी खबर है। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जुलाई में आयोजित होने वाली वार्षिक परीक्षा की बजाय इंटरनल असेसमेंट और पूर्व सेमेस्टर के प्रदर्शन के आधार पर रिजल्ट जारी करने की तैयारी हो रही है।
सरकार ने इसके लिए हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरसी कुहाड़ की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। इसी हफ्ते विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी)अंतिम वर्ष के छात्रों और 2020 सत्र में दाखिले के लिए संशोधित गाइडलाइन जारी करेगा। सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक,महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा और ओडिशा सरकार ने कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए फाइनल ईयर के छात्रों की जुलाई में आयोजित होने वाली वार्षिक परीक्षा न लेने का फैसला लिया है।
अंतिम वर्ष के छात्र भी अन्य सेमेस्टर के छात्रों की तर्ज पर औसत अंकों के आधार पर प्रमोट किए जाएंगे। प्रथम वर्ष के छात्रों को इंटरनल असेसमेंट के आधार पर अगली कक्षा में भेजा जाएगा। दूरवर्ती शिक्षा और निजी छात्रों पर भी यही फार्मूला लागू होगा। इस संबंध में सरकार की ओर से आदेश जारी कर दिए जाने की खबर है।
छात्र संगठनों और सियासी दलों के दबाव में उच्चतर शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग ने अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए पहली जुलाई से घोषित परीक्षा रद कर दी है। द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्रों को पिछले सेमेस्टर में मिले 50 फीसद अंक और इंटरनल असेसमेंट में मिले 50 फीसद अंकों के आधार पर पास किया जाएगा। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद अंक सुधार के लिए इच्छुक छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी। री-अपीयर के छात्रों को भी औसत अंकों के आधार पर पास कर अगली कक्षा में भेजा जाएगा।