प्रेरणा अरोड़ा ने जगाई महादेव की गर्जना, अब ‘शिव स्तोत्रम’ से थर्राएंगे सिनेमा हॉल

Updated: 01 Nov, 2025 12:12 PM

shiv stotram from jatadhara a soul stirring blend of spirituality

बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘जटाधारा’ का गीत ‘शिव स्तोत्रम्’ रिलीज़ हो चुका है, और यह अध्यात्म और सिनेमा का ऐसा अद्भुत संगम है, जिसे देखकर और सुनकर मन श्रद्धा से भर उठता है।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘जटाधारा’ का गीत ‘शिव स्तोत्रम्’ रिलीज़ हो चुका है, और यह अध्यात्म और सिनेमा का ऐसा अद्भुत संगम है, जिसे देखकर और सुनकर मन श्रद्धा से भर उठता है। इस भक्ति गान के पीछे निर्माता प्रेरणा अरोड़ा की गहरी व्यक्तिगत आस्था और समर्पण झलकता है।

ज़ी स्टूडियोज़ और प्रेरणा अरोड़ा द्वारा प्रस्तुत यह गीत दृश्य और श्रव्य चमत्कार से प्रेरित भक्ति की सच्ची भावना से ओतप्रोत भगवान शिव को समर्पित एक दिव्य अनुभव है।

राजीव राज द्वारा संगीतबद्ध और गाया गया यह स्तोत्रम्, अपनी भव्यता में श्रद्धा का सार पकड़ता है। प्रेरणा अरोड़ा की सोच से जन्मे इस गीत में उन्होंने संगीत टीम के साथ मिलकर भगवान शिव की शक्ति, सौंदर्य और करुणा का सार बुना है। हर दृश्य में एक दिव्य ऊर्जा प्रवाहित होती है, जो इस ट्रैक को एक भव्य भक्ति गान बना देती है। यह गीत न केवल सुनने में अलौकिक है, बल्कि आत्मा को झकझोर देने वाला भी है। फिल्म के मुख्य अभिनेता सुधीर बाबू अपने तीव्र और सशक्त अभिनय से गीत के दृश्यों में ऐसी प्राण-शक्ति भरते हैं कि हर क्षण श्रद्धा और जोश से सराबोर हो उठता है।

सुधीर बाबू ने कहा, “‘शिव स्तोत्रम्’ की शूटिंग मेरे लिए वास्तव में एक दिव्य अनुभव था। विशेष रूप से सेट पर बिताया गया हर पल ऐसा था, जैसे मैं स्वयं भगवान शिव की उपस्थिति में खड़ा हूं। जब मैंने पहली बार इस ट्रैक को सुना, तो उसकी ऊर्जा और आभा सिर्फ एक गीत तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह एक आध्यात्मिक जागरण जैसा था। सच कहूं तो एक अभिनेता के रूप में, ऐसे प्रोजेक्ट का हिस्सा बनना मेरे लिए सम्मान की बात है, जो आत्मा को श्रद्धा के साथ गहराई से जोड़ दे। मुझे गर्व है कि ‘जटाधारा’ में भक्ति की वही भावना और भगवान शिव की शक्ति का सार विद्यमान है।”

निर्माता प्रेरणा अरोड़ा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “‘शिव स्तोत्रम्’ जटाधारा' की आत्मा है। शुरुआत से ही मेरा उद्देश्य एक ऐसा गीत रचना था, जो पारंपरिक सीमाओं से परे जाकर सच्ची भावना, श्रद्धा और विस्मय को जगाए। मैंने अपनी आस्था से जुड़कर संगीत टीम के साथ मिलकर इसे साकार किया है। हमने इसमें अपना पूरा दिल लगाया है और मुझे विश्वास है कि दर्शक उस पवित्र स्पंदन को बड़े पर्दे पर महसूस करेंगे। विश्वास और एकता की शक्ति को समर्पित, यह भगवान शिव को हमारी विनम्र भेंट है।”

इसमें दो राय नहीं है कि गूंजते मंत्रों और प्रतीकात्मक दृश्यों से सजा ‘शिव स्तोत्रम्’ इस वर्ष का सबसे प्रभावशाली भक्ति गीत बनकर उभरेगा, क्योंकि यह एक ऐसा गीत है, जो शाश्वत और नवीन होने के साथ अध्यात्म और सिनेमा को भी जोड़ता है, ।

वेंकट कल्याण और अभिषेक जायसवाल द्वारा निर्देशित और ज़ी स्टूडियोज़ तथा प्रेरणा अरोड़ा द्वारा प्रस्तुत ‘जटाधारा’ एक द्विभाषी सुपरनैचुरल फैंटेसी थ्रिलर है। इसका निर्माण उमेश कुमार बंसल, शिविन नारंग, अरुणा अग्रवाल, प्रेरणा अरोड़ा, शिल्पा सिंघल और निखिल नंदा ने किया है। सह-निर्माताओं में अक्षय केजरीवाल और कुसुम अरोड़ा, क्रिएटिव प्रोड्यूसर दिव्या विजय, और सुपरवाइजिंग प्रोड्यूसर भाविनी गोस्वामी शामिल हैं। फिल्म में सुधीर बाबू और सोनाक्षी सिन्हा मुख्य भूमिकाओं में हैं, जबकि सह कलाकारों में दिव्या खोसला, शिल्पा शिरोडकर, इंदिरा कृष्णा, रवि प्रकाश, नवीन नेनी, रोहित पाठक, झांसी, राजीव कनकाला और सुभलेखा सुधाकर शामिल हैं।

 

ज़ी म्यूज़िक कंपनी द्वारा समर्थित इसका संगीत एल्बम सिनेमा को नई आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक ले जाने का वादा करता है। ‘जटाधारा’ न केवल आस्था और नियति की कहानी है, बल्कि प्रकाश और अंधकार के सनातन संघर्ष की भव्य यात्रा भी है, जिसे प्रेरणा अरोड़ा ने अपनी आध्यात्मिक दृष्टि और अटूट समर्पण से जीवंत किया है।

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