Edited By Hitesh,Updated: 27 Jan, 2022 04:15 PM
इन दिनों कोरोना वायरस का ओमीक्रोन वेरिएंट पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका संक्रमण तेजी से फैलता है। जापान के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि डेल्टा वायरस की तुलना में प्लास्टिक और इंसानों की त्वचा पर ओमीक्रोन वेरिएंट...
नेशनल डेस्क: इन दिनों कोरोना वायरस का ओमीक्रोन वेरिएंट पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका संक्रमण तेजी से फैलता है। जापान के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि डेल्टा वायरस की तुलना में प्लास्टिक और इंसानों की त्वचा पर ओमीक्रोन वेरिएंट ज्यादा देर तक जीवित रहता है। यही कारण है कि संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
क्योटो यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के योशितो इतोह ने ई-मेल के माध्यम से जानकारी दी है कि ओमिक्रॉन वायरस प्लास्टिक की सतह पर औसतन 193.5 घंटे तक जीवित रहता है, वहीं डेल्टा वेरिएंट प्लास्टिक की सतह पर 156.6 घंटे तक जीवित रह सकता है। शवों की त्वचा से लिए गए सैंपलों से पता चला है कि ओमिक्रोन वेरिएंट सबसे ज्यादा 21.1 घंटे तक जिंदा रह सकता है, वहीं डेल्टा वेरिएंट इंसानी त्वचा पर 16.8 घंटे तक जिंदा रह सकता है।