फिजी में 100 साल पुराने शिव मंदिर में तोड़फोड़, भारतीयों का फूटा गुस्सा

Edited By Updated: 15 Jul, 2025 04:08 PM

100 year old shiv temple in fiji vandalised

फिजी के सुवा शहर में स्थित एक पुराने और ऐतिहासिक समबुला शिव मंदिर में शुक्रवार को तोड़फोड़ की गई। इस घटना में मंदिर की 100 साल पुरानी मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे स्थानीय भारतीय समुदाय में गहरा आक्रोश फैल गया है। इस मामले ने फिजी में धार्मिक...

नेशनल डेस्क: फिजी के सुवा शहर में स्थित एक पुराने और ऐतिहासिक समबुला शिव मंदिर में शुक्रवार को तोड़फोड़ की गई। इस घटना में मंदिर की 100 साल पुरानी मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे स्थानीय भारतीय समुदाय में गहरा आक्रोश फैल गया है। इस मामले ने फिजी में धार्मिक और सामाजिक असहिष्णुता के बढ़ते स्वरूप को उजागर कर दिया है। कई नेताओं और धार्मिक संगठनों ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है और सरकार से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।

मंदिर में क्या हुआ?

शुक्रवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें एक व्यक्ति मंदिर में तोड़फोड़ करता नजर आया। उसने गर्भगृह में रखी भगवान शिव की मूर्ति सहित अन्य देवताओं की मूर्तियां तोड़ीं। इस हमले में मंदिर की बाड़ और दरवाजा भी तोड़ा गया। स्थानीय धार्मिक संगठन श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा ने बताया कि आरोपी ने लोहे की छड़ से पवित्र मूर्तियों को नष्ट किया और मंदिर की देखभाल करने वाले व्यक्ति पर भी हमला करने की कोशिश की।

भारतीय समुदाय में आक्रोश

फिजी में रहने वाले भारतीयों ने इस घटना को धार्मिक अत्याचार और नफरत का प्रतीक माना है। पूर्व अटॉर्नी जनरल अयाज सईद खैयूम ने कहा कि भारतीय-फिजियन समुदाय पर हमले बढ़ रहे हैं और सरकार इस ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका से इस मामले पर स्पष्ट निंदा करने की मांग की है। भारतीय समुदाय के लोगों का कहना है कि पूजा स्थलों पर हो रहे हमलों की रिपोर्टिंग कम हो रही है, जिससे उन्हें न्याय की उम्मीद खत्म होती जा रही है।

धार्मिक संगठन और नेताओं की प्रतिक्रिया

श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष धीरेंद्र नंद ने बताया कि हिंदू समुदाय को इस घटना से आध्यात्मिक और भावनात्मक चोट पहुंची है। उन्होंने सरकार से मंदिरों की सुरक्षा बढ़ाने और धार्मिक बेअदबी से जुड़े कानूनों को सख्त करने की मांग की है। इसके साथ ही फिजी की आर्य प्रतिनिधि सभा ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसे आपराधिक और धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ एक हमला बताया है। शिक्षा मंत्री और सोडेल्पा पार्टी के नेता असेरी राड्रोड्रो ने भी इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह एक अनुचित और दुखद हरकत है, जो नस्लीय संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। उन्होंने एक ईसाई होने के नाते इस घटना को बहुत चिंताजनक बताया।

पुलिस जांच और आरोपी की गिरफ्तारी

पुलिस आयुक्त रुसियाते तुद्रवु ने नफरत फैलाने वाली बयानबाजी पर चिंता जताई है और शांति बनाए रखने का आह्वान किया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। तोड़फोड़ के आरोप में 28 वर्षीय सैमुएला तवाके को गिरफ्तार किया गया है। उसे सोमवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे मानसिक परीक्षण के लिए दो सप्ताह की हिरासत में भेज दिया गया।

नफरत और भेदभाव के खिलाफ आवाज

फिजी में बढ़ते धार्मिक और जातीय भेदभाव ने भारतीय समुदाय को काफी असुरक्षित महसूस कराया है। मंदिर में हुई तोड़फोड़ जैसी घटनाएं न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करती हैं बल्कि पूरे समुदाय में डर और बेचैनी पैदा करती हैं। इस घटना ने फिजी की बहुसांस्कृतिक समाज के लिए एक चेतावनी के रूप में काम किया है कि सहिष्णुता और एकता को बनाए रखना कितना जरूरी है।

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