ट्रंप-पुतिन की बातचीत से पहले व्हाइट हाउस का बड़ा बयान आया सामने, जानें क्या कहा

Edited By Updated: 13 Aug, 2025 12:21 AM

before trump putin talks a big statement from the white house came out

अमेरिका की व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने मंगलवार को अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आगामी बैठक को लेकर जानकारी दी।

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका की व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने मंगलवार को अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आगामी बैठक को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बैठक को ट्रंप “सुनने की प्रक्रिया” के तौर पर देख रहे हैं क्योंकि इसमें केवल एक पक्ष मौजूद होगा।

लेविट ने यह भी बताया कि इस बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की को क्यों नहीं बुलाया गया, जबकि यूरोपीय नेताओं ने इसे शामिल करने की मांग की थी। उनका कहना था कि इस बैठक की पहल पुतिन ने की है और ट्रंप का मकसद इस वार्ता से बेहतर समझ हासिल करना है कि इस युद्ध को कैसे खत्म किया जा सकता है।

इसके अलावा, लेविट ने ट्रंप की उम्मीदों को दोहराया कि भविष्य में एक तीन-पक्षीय (ट्रिलेटरल) बैठक भी हो सकती है जिसमें अमेरिका, रूस और यूक्रेन सभी शामिल होंगे।

इस बैठक को लेकर व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया है कि इसका उद्देश्य शांति समझौते पर बातचीत या कोई बड़ा फैसला लेना नहीं है, बल्कि एक-दूसरे की बातों को समझना और वार्ता के लिए बेहतर स्थिति तैयार करना है। इस बार की मुलाकात के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।

इस बैठक को लेकर विश्व की नजरें टिकी हैं क्योंकि रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को जल्द खत्म कराने के लिए यह एक महत्वपूर्ण मौका माना जा रहा है। ट्रंप और पुतिन के बीच यह आमना-सामना दोनों देशों के संबंधों और वैश्विक शांति के लिहाज से अहम माना जा रहा है।


मुख्य एजेंडा: यूक्रेन युद्ध

वार्ता का लक्ष्य यूक्रेन में युद्ध को खत्म करने हेतु संभावित समझौतों की दिशा तलाशना होगा। इसमें भूमि विनिमय (land swaps) पर बातें शामिल हैं, हालांकि यह विषय विवादास्पद है। ट्रंप ने कहा है कि वह बैठक के पहले दो मिनटों में ही यह जान पाएंगे कि पुतिन संवाद के लिए तैयार हैं या नहीं। ट्रंप ने कहा कि यह बैठक केवल ट्रंप-पुतिन के बीच होगी।
 

अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय प्रतिक्रिया

यूरोप और यूक्रेन ने स्पष्ट कहा है कि बिना यूक्रेन की भागीदारी कोई शांति समझौता मान्य नहीं होगा। भारत ने इस बैठक का स्वागत किया — उसने आशा व्यक्त की है कि यह यूक्रेन युद्ध समाप्ति की दिशा में एक कदम हो सकता है। रणनीतिक दृष्टि से, अलास्का का चयन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रूस से भूगोलिक रूप से नज़दीकी है और सिम्बॉलिक रूप से एक मध्यस्थता स्थल के तौर पर स्थापित हुआ है।

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