Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 29 Jul, 2025 02:43 PM

25 जुलाई 2025 को अमेरिका में उस समय हड़कंप मच गया जब यूनाइटेड एयरलाइंस की एक इंटरनेशनल फ्लाइट को उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही आपातकालीन स्थिति का सामना करना पड़ा। यह फ्लाइट बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर द्वारा संचालित की जा रही थी जो वाशिंगटन डलेस हवाई...
नेशनल डेस्क: 25 जुलाई 2025 को अमेरिका में उस समय हड़कंप मच गया जब यूनाइटेड एयरलाइंस की एक इंटरनेशनल फ्लाइट को उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही आपातकालीन स्थिति का सामना करना पड़ा। यह फ्लाइट बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर द्वारा संचालित की जा रही थी जो वाशिंगटन डलेस हवाई अड्डे से जर्मनी के म्यूनिख के लिए रवाना हुई थी। उड़ान का नंबर UA108 था। टेक-ऑफ के बाद जब विमान लगभग 5,000 फीट की ऊँचाई पर पहुंचा तभी उसके बाएँ इंजन में अचानक तकनीकी खराबी की सूचना मिली। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पायलटों ने तुरंत "मेडे" (आपातकालीन स्थिति की घोषणा) घोषित की।
5,000 फीट पर उड़ते हुए घोषित हुआ "मेडे"
"मेडे" एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संकेत है जो उस समय दिया जाता है जब किसी विमान को जानलेवा तकनीकी समस्या होती है। जैसे ही इंजन फेल हुआ पायलटों ने हवाई यातायात नियंत्रकों (एटीसी) से संपर्क किया और उड़ान को सुरक्षित रूप से वापस वाशिंगटन डलेस हवाई अड्डे पर लाने की प्रक्रिया शुरू की। फ्लाइटअवेयर वेबसाइट के मुताबिक, विमान हवा में कुल 2 घंटे 38 मिनट तक रहा। इस दौरान पायलटों ने विमान को वाशिंगटन के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में एक होल्डिंग पैटर्न में रखा जिससे ईंधन को धीरे-धीरे और सुरक्षित तरीके से उड़ान से बाहर निकाला जा सके। ईंधन निकालना इसलिए जरूरी था ताकि विमान लैंडिंग के समय हल्का हो और किसी दुर्घटना की संभावना न रहे।
सुरक्षित तरीके से छोड़ा गया ईंधन
"एविएशनए2ज़" की रिपोर्ट के अनुसार, विमान ने लगभग 6,000 फीट की ऊँचाई पर रहते हुए एयर ट्रैफिक कंट्रोल से अनुमति लेकर ईंधन छोड़ना शुरू किया। ईंधन छोड़ते समय विशेष सावधानियाँ बरती जाती हैं ताकि नीचे मौजूद इलाकों या अन्य विमानों को किसी प्रकार की हानि न पहुंचे। एटीसी ने यूनाइटेड एयरलाइंस के पायलटों को निर्देश दिए कि किस दिशा और ऊँचाई पर ईंधन छोड़ना सुरक्षित रहेगा।
सुरक्षित इमरजेंसी लैंडिंग
जब आवश्यक मात्रा में ईंधन निकाल लिया गया, तब विमान ने वाशिंगटन डलेस हवाई अड्डे के रनवे 19 सेंटर पर लैंडिंग के लिए इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) का उपयोग किया। यह सिस्टम पायलटों को खराब मौसम या तकनीकी दिक्कतों के बीच भी सटीक लैंडिंग करने में मदद करता है। लैंडिंग सफल रही लेकिन इंजन की खराबी के कारण विमान रनवे पर खुद से आगे नहीं बढ़ सका। इसके बाद विमान को टग व्हीकल की मदद से रनवे से हटाया गया।
यात्रियों को कोई नुकसान नहीं
सबसे राहत की बात यह रही कि इस पूरी घटना में कोई भी यात्री या चालक दल का सदस्य घायल नहीं हुआ। विमान को तुरंत टेक्निकल जांच के लिए ग्राउंड कर दिया गया और यह अभी तक वाशिंगटन डलेस हवाई अड्डे पर खड़ा है। यूनाइटेड एयरलाइंस और अमेरिकी विमानन अधिकारी इस घटना की गहन जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को टाला जा सके