चीन की नई तकनीक से दुनिया हैरान! ड्रोन बना गेमचेंजर, ऊंचे व दुर्गम पहाड़ों पर उगाए सोलर फार्म

Edited By Updated: 22 Jul, 2025 12:52 PM

china is turning mountains into solar farms using drones

दुनिया में सबसे ज्यादा सोलर पावर उत्पादन करने वाला देश चीन अब नई तकनीक और विशाल स्तर पर पहाड़ों और दुर्गम इलाकों को भी साफ ऊर्जा के केंद्र में बदल रहा है///

Bejing: दुनिया में सबसे ज्यादा सोलर पावर उत्पादन करने वाला देश चीन अब नई तकनीक और विशाल स्तर पर पहाड़ों और दुर्गम इलाकों को भी साफ ऊर्जा के केंद्र में बदल रहा है। चीन अब ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करके दूर-दराज के पहाड़ी इलाकों में लाखों सोलर पैनल लगा रहा है। हाल ही में सामने आई जानकारी के मुताबिक, चीन के  शांक्सी प्रांत  में बड़ी संख्या में ड्रोन के जरिए सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। यह अभियान चीन के उस राष्ट्रीय मिशन का हिस्सा है जिसके तहत देश के दुर्गम और पथरीले इलाकों को भी नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में बदला जा रहा है।

 

CHINA IS TURNING MOUNTAINS INTO SOLAR FARMS - WITH DRONES

In a flex of scale and tech, China’s using drones to blanket remote hillsides with millions of solar panels - like a real-life game of renewable Minecraft.

The project shown here is likely in Shanxi, part of a nationwide… https://t.co/f043LptwqL pic.twitter.com/15eIG5njFf

— Mario Nawfal (@MarioNawfal) July 21, 2025

 
पहाड़ों और ऊंचे-नीचे इलाकों में सोलर पैनल लगाना हमेशा से बड़ी चुनौती रहा है क्योंकि वहां भारी मशीनें और मजदूर ले जाना आसान नहीं होता। लेकिन अब चीन ने ड्रोन की मदद से इस मुश्किल को आसान बना दिया है। ड्रोन पहले इलाके की मैपिंग करते हैं और फिर सोलर पैनलों को तय जगह पर पहुंचाकर उन्हें इंस्टॉल भी कर देते हैं। इस तकनीक को चीन ने कई पायलट प्रोजेक्ट में सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया है और अब इसे बड़े स्तर पर लागू किया जा रहा है। खासतौर पर शांक्सी, गांसू, सिचुआन और इनर मंगोलिया जैसे पहाड़ी और रेतीले इलाकों में ड्रोन से सोलर इंस्टॉलेशन हो रही है।

 

 
रिपोर्टों के अनुसार चीन अभी दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पैनल निर्माता और इंस्टॉलर है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) की हालिया रिपोर्ट बताती है कि अकेले चीन ने 2024 में ही दुनिया के कुल सोलर पैनलों का लगभग 60% उत्पादन किया। इसके अलावा चीन का लक्ष्य है कि 2030 तक उसकी कुल ऊर्जा का 35% हिस्सा नवीकरणीय स्रोतों से आए। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ और  चाइना डेली  के अनुसार, इस तरह के मेगा सोलर प्रोजेक्ट्स से लाखों घरों को बिजली मिल सकेगी और कोयला आधारित ऊर्जा पर निर्भरता कम होगी।

 

विशेषज्ञों का मानना है कि ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के संयोजन से सोलर पैनल इंस्टॉलेशन की रफ्तार काफी बढ़ गई है। इस तकनीक से लागत भी घट रही है और ऐसे इलाके भी ऊर्जा मानचित्र पर आ रहे हैं जहां पहले पहुंचना नामुमकिन था। वैश्विक स्तर पर अमेरिका, यूरोप और भारत भी नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर दे रहे हैं, लेकिन उत्पादन क्षमता, तकनीक और लागत के मामले में चीन अभी भी काफी आगे है। चीन के विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले 5 साल में ड्रोन तकनीक से पहाड़ी इलाकों में सोलर फार्म बनाने की रफ्तार कई गुना बढ़ जाएगी।
 

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