यूनिवर्सिटी में छात्रा ने 'पीरियड पर छुट्टी मांगी तो टीचर ने की अपमानजनक मांग, छिड़ गई बहस

Edited By Updated: 27 May, 2025 01:51 PM

china student says she had to take off trousers for period leave

क्या पीरियड के दौरान छुट्टी लेने के लिए किसी छात्रा को अपनी पैंट उतारनी पड़ सकती है? सुनने में यह भले ही अकल्पनीय लगे, लेकिन चीन की राजधानी बीजिंग के एक प्रतिष्ठित संस्थान में ऐसा ही एक हैरान ...

Bejing: क्या पीरियड के दौरान छुट्टी लेने के लिए किसी छात्रा को अपनी पैंट उतारनी पड़ सकती है? सुनने में यह भले ही अकल्पनीय लगे, लेकिन चीन की राजधानी बीजिंग के एक प्रतिष्ठित संस्थान में ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने छात्रा को मानसिक सदमे में डाल दिया और देशभर में महिला अधिकारों को लेकर बहस छेड़ दी।चीन की Beijing University of Technology से जुड़े Gengdan Institute  में पढ़ने वाली एक छात्रा ने आरोप लगाया है कि जब उसने पीरियड के कारण छुट्टी मांगी, तो कैंपस क्लिनिक के स्टाफ ने उसकी परेशानी को समझने की बजाय उसे यह "साबित" करने को कहा कि उसे वास्तव में पीरियड हुआ है और इसके लिए  पैंट उतारने  की शर्त रखी गई।

 

क्या है पूरा मामला?
यह घटना 15 मई की है, जब पीड़ित छात्रा छुट्टी की दरख्वास्त लेकर कैंपस क्लिनिक पहुंची। उसने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो जारी कर बताया कि स्टाफ ने उससे कहा kf अगर छुट्टी चाहिए तो अपनी पैंट उतारो और साबित करो कि तुम्हें पीरियड हो रहा है। छात्रा द्वारा आपत्ति जताने पर महिला स्टाफ ने यह कहकर बात को टाल दिया कि, "यह मेरा निजी फैसला नहीं, बल्कि संस्थान का नियम है।" यह वीडियो और बयान जैसे ही चीन की सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।

 

यूनिवर्सिटी का अजीबोगरीब पक्ष
घटना के अगले दिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सफाई दी कि जांच छात्रा की सहमति से की गई और कोई मेडिकल उपकरण इस्तेमाल नहीं हुआ। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह नियम नया नहीं  है और इसका मकसद उन छात्राओं को रोकना है, जो महीने में कई बार झूठ बोलकर छुट्टी लेती हैं। स्टाफ सदस्य 'सू' ने दावा किया कि कई छात्राएं हर महीने 4-5 बार पीरियड का बहाना बनाती हैं, इसलिए यह नियम लागू किया गया है।

 

मानवाधिकार विशेषज्ञों की तीखी प्रतिक्रिया
चीन में महिला अधिकारों के विशेषज्ञ और पूर्व वकील झांग योंगकुआन  ने इस नियम को "छात्रा की निजता का घोर उल्लंघन" बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रकरण साफ तौर पर छेड़छाड़ और महिला-सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन है। छात्रा अब भी अपनी बात पर अड़ी हुई है और उसने चेतावनी दी है कि यदि कोई  लिखित नियम  दिखाया जाता है, तो वह सोशल मीडिया से अपने सभी बयान और वीडियो हटा लेगी।इस घटना ने न केवल चीन में शिक्षा संस्थानों की संवेदनहीनता को उजागर किया है, बल्कि पूरी दुनिया में महिला अधिकारों और निजता की सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है।

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