UN में अमित शाह का बड़ा बयान: भारत में सहकारिता अब सीमाओं से बाहर, डिजिटल-ऊर्जा सेक्टर में भी किया कमाल

Edited By Updated: 29 Jul, 2025 12:40 PM

cooperatives in india now medium for innovation

केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि भारत में सहकारिता अपनी पारंपरिक सीमाओं से आगे बढ़ चुकी है और अब यह डिजिटल सेवाओं, ऊर्जा और वित्तीय समावेशन ...

International Desk: केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि भारत में सहकारिता अपनी पारंपरिक सीमाओं से आगे बढ़ चुकी है और अब यह डिजिटल सेवाओं, ऊर्जा और वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में नवोन्मेष एवं आत्मनिर्भरता का माध्यम बन गयी है। शाह ने सोमवार को ‘सहकारिता और सतत विकास : गति बनाए रखना और नयी संभावनाएं तलाशने' विषय पर एक विशेष स्मृति कार्यक्रम में पहले से रिकॉर्ड किया गया वीडियो संदेश दिया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में सहकारिता एक जीवंत और समुदाय-आधारित प्रणाली है जो कृषि से लेकर वित्त, उपभोग से लेकर निर्माण और ग्रामीण सशक्तीकरण से लेकर आपसी सहयोग और लोकतांत्रिक भागीदारी के माध्यम से डिजिटल समावेशन तक हर क्षेत्र को समाहित करती है।''

 

उन्होंने कहा, ‘‘इसकी अनूठी ताकत इस बात में निहित है कि यह स्थानीय स्तर पर लाभ देती है, साथ ही ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में सम्मानजनक आजीविका का एक सशक्त माध्यम भी बनती है।'' शाह ने कहा कि इस कार्यक्रम की विषय वस्तु इस बात को दर्शाती है कि सहकारिता की अवधारणा न केवल आज की आधुनिक दुनिया में प्रासंगिक है, बल्कि सतत और समावेशी विकास के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में सहकारिता अब अपनी पारंपरिक सीमाओं से आगे निकल चुकी हैं और डिजिटल सेवाओं, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, ऊर्जा, जैविक खेती और वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में नवोन्मेष व आत्मनिर्भरता का माध्यम बन चुकी हैं।'' शाह ने कहा कि तकनीकी नवोन्मेष आज सहकारिताओं को और अधिक समावेशी बना रहा है।

 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने केन्या और मंगोलिया के स्थायी मिशनों के साथ मिलकर न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025' के उपलक्ष्य पर यह कार्यक्रम आयोजित किया। केंद्रीय मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि सहकारिता के सिद्धांत, उनके मूल्य और जन-केंद्रित दृष्टिकोण उन्हें मानव-केंद्रित विकास के सबसे प्रभावशाली मॉडल में से एक बनाते हैं। गौरतलब है कि भारत में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना जुलाई 2021 में हुई थी और अमित शाह देश के पहले सहकारिता मंत्री बने थे। शाह ने बताया कि भारत ने हाल में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना की है, जो सहकारी क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा, अनुसंधान, नवोन्मेष और नेतृत्व विकास के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने भारत के राष्ट्रीय विकास में सहकारी क्षेत्र द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। 

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