Edited By Tanuja,Updated: 04 Dec, 2025 03:45 PM

भारत ने रूस से लगभग 2 अरब डॉलर में एक परमाणु-संचालित अटैक सबमरीन की लीज़ डील फाइनल कर ली है। यह समझौता पुतिन की भारत यात्रा से ठीक पहले हुआ। कीमत को लेकर 10 साल से चल रही बातचीत अब पूरी हुई। पनडुब्बी दो वर्षों में मिलने की उम्मीद है, जिससे भारत-रूस...
International Desk: भारत और रूस की दोस्ती एक बार फिर दुनिया को चौंकाने वाली है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत पहुंचने से पहले दोस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ऐसी रक्षा डील को फाइनल कर दिया है, जिसे देखकर दुश्मन देशों की रातों की नींद उड़ जाएगी। ये समझौता न सिर्फ भारत की सैन्य शक्ति को कई गुना बढ़ाएगा, बल्कि हिंद महासागर से लेकर उत्तरी सीमाओं तक भारत की पकड़ और मजबूत करेगा। भारत और रूस के बीच लगभग दस साल से लंबित परमाणु-संचालित पनडुब्बी लीज़ समझौता आखिरकार फाइनल हो गया है। मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, भारत लगभग 2 अरब डॉलर का भुगतान करके रूस से एक न्यूक्लियर अटैक सबमरीन किराए पर लेगा। यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस हफ्ते भारत दौरे पर आ रहे हैं। पुतिन के यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी।
कीमत को लेकर वर्षों से अटकी बातचीत
बीते कई वर्षों से कीमत को लेकर अटकी बातचीत अब पूरी हो गई है। नवंबर में भारतीय अधिकारियों ने रूसी शिपयार्ड का दौरा किया था, जिसके बाद डील पर अंतिम सहमति बनी। भारत को पनडुब्बी की डिलीवरी दो वर्षों में मिलने की उम्मीद है, हालांकि परियोजना की जटिलता को देखते हुए समय बढ़ भी सकता है।
रणनीतिक संतुलन और मोदी की विदेश नीति
इस समझौते के साथ भारत ने रूस के साथ रक्षा संबंधों को और गहरा किया है। हाल के महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका द्वारा 50% दंडात्मक टैरिफ लगाने के बाद रूस और चीन दोनों के साथ रिश्ते मजबूत करने का संदेश दिया है। वर्तमान में भारत ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए ऊँचे शुल्क कम कराने के लिए व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है ये वही शुल्क हैं जो अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल खरीद जारी रखने पर दबाव बनाने के लिए लगाए थे।