UNGA में विदेश मंत्री जयशंकर का संबोधन, आतंकवाद के मुद्दे पर पड़ोसी पाकिस्तान को जमकर सुनाया

Edited By Updated: 27 Sep, 2025 11:43 PM

external affairs minister jaishankar s address at unga

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र को संबोधित करते हुए आतंकवाद, वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और वैश्विक शासन में सुधार के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। अपने संबोधन में उन्होंने विशेष रूप से पाकिस्तान को...

इंटरनेशनल डेस्क : भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र को संबोधित करते हुए आतंकवाद, वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और वैश्विक शासन में सुधार के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। अपने संबोधन में उन्होंने विशेष रूप से पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताते हुए कड़ी आलोचना की और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने की आवश्यकता पर बल दिया।

आतंकवाद और पाकिस्तान पर कड़ी निंदा

एस. जयशंकर ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि हमारा पड़ोसी देश आतंकवाद को पनाह देता है। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकाने औद्योगिक पैमाने पर संचालित हो रहे हैं, आतंकवादियों की सार्वजनिक प्रशंसा होती है और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकना अनिवार्य है।" उन्होंने आतंकवाद को वैश्विक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयासों को तेज़ करना होगा।

भारत की विदेश नीति और आतंकवाद से लड़ाई

जयशंकर ने कहा कि जब भारत अपने अधिकारों का दृढ़ता से समर्थन करता है, तो उसे खतरों का सामना भी साहस के साथ करना पड़ता है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई उसकी विदेश नीति की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “हम आतंकवाद को खत्म करने के लिए विश्व समुदाय के साथ मिलकर काम करेंगे और क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और टैरिफ नीति पर टिप्पणी

विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में यह भी कहा कि "भारत टैरिफ अस्थिरता और अनिश्चित बाजार पहुंच की समस्या का सामना कर रहा है," जो खासकर अमेरिका की टैरिफ नीतियों के कारण बढ़ी है। उन्होंने वैश्विक व्यापार में संतुलन और न्यायसंगत व्यापार नियमों की वकालत की।

संयुक्त राष्ट्र की भूमिका और वैश्विक बदलाव

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र के इतिहास और उसके बदलते दायरे पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उपनिवेशवाद के अंत के बाद, यूएन की सदस्यता चार गुना बढ़ी है और संगठन ने विकास, जलवायु परिवर्तन, व्यापार, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसी नई प्राथमिकताओं को अपनाया है। वैश्वीकरण के युग में यूएन का एजेंडा और भी व्यापक हुआ है।

सतत विकास लक्ष्य (SDG) पर चिंता

विदेश मंत्री ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को लेकर निराशा जताई और कहा, “हमें सोचना चाहिए कि क्या संयुक्त राष्ट्र अपनी उम्मीदों पर खरा उतर पाया है? सतत विकास के लक्ष्य अभी भी अधूरे हैं और उनके लिए अधिक सक्रिय प्रयासों की जरूरत है।”

भारत-अमेरिका सहयोग मजबूत करने की कोशिशें

न्यूयॉर्क पहुंचने के बाद जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अमेरिकी राजदूत-नामित सर्जियो गोर से मुलाकात की, जिसमें भारत-अमेरिका साझेदारी, व्यापार वार्ता और वीज़ा फीस विवाद सहित द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई।

भारत की सुरक्षा परिषद स्थायी सदस्यता की मांग

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी यूएनजीए को संबोधित करते हुए भारत और ब्राजील के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता के समर्थन में आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि दोनों देश सुरक्षा परिषद के विस्तार और सुधार के लिए मजबूत दावेदार हैं। लावरोव ने पश्चिमी देशों पर ईरान पर प्रतिबंधों को अवैध रूप से पुनः लागू करने का आरोप लगाया और अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने की चेतावनी दी।

UNGA के पांचवें दिन कई देशों के प्रतिनिधि भाषण देंगे

80वें संयुक्त राष्ट्र महासभा के जनरल डिबेट के पांचवें दिन बहामास, नाइजर, ग्रेनेडा, बुर्किना फासो, सेंट किट्स और नेविस, लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, आर्मेनिया, कंबोडिया, रूस, क्यूबा, ब्रुनेई दारुस्सलाम, जर्मनी और आइसलैंड के प्रतिनिधि भी भाषण देंगे।

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