Edited By Tanuja,Updated: 19 Jul, 2025 07:15 PM

फिलिस्तीनी संगठन हमास ने गाजा पट्टी में जारी युद्ध को लेकर एक बार फिर इजरायल और अरब देशों दोनों पर तीखा हमला बोला है। हमास की सशस्त्र शाखा अल कसम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबैदा ने...
International Desk: फिलिस्तीनी संगठन हमास ने गाजा पट्टी में जारी युद्ध को लेकर एक बार फिर इजरायल और अरब देशों दोनों पर तीखा हमला बोला है। हमास की सशस्त्र शाखा अल कसम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबैदा ने शुक्रवार को एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि हमास युद्धविराम के लिए तैयार था, लेकिन इजरायल ने सभी समझौतों को ठुकरा दिया। अबू ओबैदा ने यह भी आरोप लगाया कि अरब और इस्लामी देशों की चुप्पी ने गाजा के निर्दोष लोगों का नरसंहार आसान बना दिया है।
इजरायल ने प्रस्ताव ठुकराया
अबू ओबैदा ने दावा किया कि हमास ने इजरायल को व्यापक युद्धविराम समझौते के तहत गाजा से सभी बंदियों को एक साथ छोड़ने का प्रस्ताव कई बार दिया था, लेकिन इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके मंत्रिमंडल ने हर बार इसे खारिज कर दिया। ओबैदा ने आरोप लगाया कि इजरायली नेतृत्व अपने नागरिकों को पहले ही इस बात के लिए तैयार कर रहा है कि उनके बंदी जिंदा वापस नहीं लौटेंगे।
इजरायल सिर्फ तबाही चाहता
कतर में जारी युद्धविराम वार्ता पर हमास ने कहा कि अगर इजरायल मौजूदा बातचीत से पीछे हटता है, तो बंदियों को लेकर पहले दिया गया 10 कैदियों का प्रस्ताव भी रद्द माना जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमास ने इजरायली बंधकों के परिवारों से अपील की है कि वे इजरायल सरकार पर दबाव डालें ताकि युद्ध खत्म हो सके। हमास के अनुसार, इजरायल गाजा को तबाह करने और वहां की आबादी को बेघर करने पर अड़ा हुआ है।गौरतलब है कि इस साल जनवरी में इजरायल और हमास के बीच अस्थायी युद्धविराम हुआ था, लेकिन मार्च में हालात फिर बिगड़ गए। इसके बाद से गाजा पर इजरायली हमले लगातार जारी हैं और कई अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के बावजूद कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।
अरब मुल्क भी जिम्मेदार’
अबू ओबैदा ने अपने बयान में दुनियाभर के उन लोगों का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाई। यमन के हूती विद्रोहियों को ओबैदा ने ‘सच्चा भाई’ बताया। वहीं दूसरी तरफ अरब नेताओं पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि अरब दुनिया की चुप्पी गाजा के लोगों की बर्बादी की जिम्मेदार है।उन्होंने कहा, “इस्लामी दुनिया के सिर पर हजारों बेगुनाहों के खून का बोझ है। अरब देशों की चुप्पी ने इजरायल का हौसला बढ़ाया है। आज कोई भी इस खून-खराबे से खुद को बरी नहीं कर सकता।”