अपने ही देश में जमकर बेइज्जत हो रहे PM इमरान, जमात-ए-इस्लामी प्रमुख बोले-अंतर्राष्ट्रीय भिखारी हैं खान

Edited By Updated: 17 Jan, 2022 01:53 PM

jamat e islami chief calls imran khan  international beggar

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की उनके अपने मुल्क में जमकर बेइज्जती हो रही है। जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सिराज-उल-हक ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ...

पेशावरः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की  उनके अपने मुल्क में जमकर बेइज्जती हो रही है।  जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सिराज-उल-हक ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय भिखारी बताते हुए दावा किया है कि पाकिस्तान की सभी आर्थिक समस्याओं का एक ही हल है कि पीएम इमरान खान की विदाई कर दी जाए।लाहौर में अपनी बात रखते हुए हक ने देश में फिर से चुनाव कराने की बात की और देश में पेट्रोल की कीमत बढ़ने पर उन्हें जमकर फटकार लगाई। हक ने कहा, “इमरान खान और पाकिस्तान एक साथ काम नहीं कर सकते।” जियो न्यूज के अनुसार, उन्होंने कहा, “इस मुल्क में राजनीति में प्लस माइनस के लिए जगह नहीं है।

 

सिर्फ इमरान खान की विदाई ही इसका एक मात्र उपाय है।” अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ पाकिस्तान के विवादास्पद सौदे पर उन्होंने इमरान खान के लिए कहा कि वो अब अंतरराष्ट्रीय भिखारी बन गए हैं। उनकी सत्ताधारी सरकार भी मुल्क को संभालने के सक्षम नहीं है। गौरतलब है कि सिराज-उल-हक की ओर से इमरान खान की बेईज्जती वाला बयान उस समय सामने आया है जब पाकिस्तान की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। इससे पहले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान खान को ‘सदी का संकट’ बताया था और कहा था कि इमरान सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है।

 

उन्होंने कहा था, “सरकार की IMF के साथ डील मुल्क पर भयावह प्रभाव डाल सकती है।” मालूम हो कि कुछ दिन पहले इमरान सरकार ने पाकिस्तान के लिए फिर से कर्ज लेने के लिए आईएफ की शर्तों को मानते हुए दो विधेयक पारित कराए थे। पहला विधेयक 360 अरब डॉलर के वित्तीय उपायों से जुड़ा है जिससे कई क्षेत्रों में बिक्री कर बढ़ेंगे। दूसरे बिल में SBP (स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान) को सरकार के नियंत्रण से पूरी तरह मुक्त कर दिया है। इसके साथ ही बैंक को मौद्रिक नीति तय करने का अधिकार भी मिल गया है। पाकिस्तान सरकार अब इसमें उन्हें कोई निर्देश नहीं दे पाएगी।

 

अब इमरान सरकार के इसी फैसले पर विपक्ष आरोप लगा रही है कि इमरान सरकार के फैसलों से आम लोगों पर बोझ बढ़ेगा और इनकम टैक्स पर छूट से अमीर लोगों को राहत आएगी। बता दें कि आईएफएफ ने 6 अरब डॉलर देने के लिए 5 शर्ते रखी थीं। कर्ज की पहली किस्त देने के बाद आईएमएफ ने कहा था कि जब तक वो ये शर्त नहीं मानते तब तक उन्हें 1 अरब की अगली किस्त नहीं दी जाएगी।

 

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