तीर्थयात्रा के बहाने अरब देशों में भीख मांगते है पाकिस्तानी भिखारी, 56 हजार को भगाया गया

Edited By Updated: 18 Dec, 2025 08:34 PM

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पाकिस्तान में भीख मांगना अब संगठित उद्योग बन गया है। रक्षा मंत्री के अनुसार देश में 22 मिलियन भिखारी सालाना 42 अरब रुपये कमाते हैं। मध्य पूर्व के देशों में तीर्थ यात्रा और पर्यटन वीजा का बहाना बनाकर पाकिस्तानी भिखारी सक्रिय हैं। हाल ही में सऊदी अरब...

इंटरनेशनल डेस्क : पाकिस्तान में भीख मांगने का धंधा अब एक संगठित उद्योग की तरह पनप चुका है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ के अनुसार, देश में लगभग 22 मिलियन भिखारी हैं जो सालाना लगभग 42 अरब रुपये कमाते हैं। इन भिखारियों की बढ़ती संख्या न केवल देश की सामाजिक छवि को धूमिल कर रही है, बल्कि वे विदेशों में भी अपने गिरोह के माध्यम से भीख मांगने पहुंच जाते हैं, जिससे दूसरे देशों में कानून-व्यवस्था प्रभावित होती है।

विदेशों में भीख मांगने वाले पाकिस्तानी गिरोह
पाकिस्तानी भिखारी तीर्थ यात्रा और पर्यटन वीजा का बहाना बनाकर मध्य पूर्व के देशों में भीख मांगने के लिए जाते हैं। सऊदी अरब, यूएई और ओमान में भीख मांगना कानूनी रूप से प्रतिबंधित है। बावजूद इसके, पाकिस्तानी गिरोह इन देशों में सक्रिय हैं। हाल ही में सऊदी अरब ने 56 हजार पाकिस्तानी नागरिकों को भीख मांगने के आरोप में निर्वासित किया।

हर दिन कमाई का सनसनीखेज आंकड़ा
गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2025 में शारजाह में एक पाकिस्तानी नागरिक को पकड़ने पर उसके पास 14 हजार दिरहम यानी लगभग 3 लाख रुपये मिले। उसने पुलिस को बताया कि उसने केवल तीन दिनों में यह राशि कमाई थी, यानी एक दिन में लगभग एक लाख रुपये। इसी प्रकार, दुबई में पकड़े गए 127 पाकिस्तानी भिखारियों के पास से 50 हजार दिरहम यानी 11 लाख रुपये बरामद हुए। शारजाह पुलिस ने वर्ष की शुरुआत में 107 भिखारियों को गिरफ्तार किया, जिनके पास भी 11 लाख रुपये मिले।

पाकिस्तान में भीख मांगना तकनीकी रूप से गैरकानूनी
1958 के आवारागर्दी अध्यादेश के तहत भीख मांगने या बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर करने पर तीन साल तक की जेल हो सकती है। बावजूद इसके, पाकिस्तान में यह धंधा संगठित रूप से चलता रहा है और इसे रोकने के लिए पर्याप्त मशीनरी उपलब्ध नहीं है। पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने बताया कि दक्षिण पंजाब, कराची और आंतरिक सिंध से आने वाले पेशेवर भिखारियों को मध्य पूर्व से बार-बार निर्वासित किया गया। इन्हें वापस आने पर पासपोर्ट नियंत्रण सूची (पीसीएल) में डाल दिया जाता है ताकि दोबारा विदेश यात्रा न कर सकें।

तीर्थ यात्रा के बहाने विदेश में सक्रिय
विदेशों में गिरफ्तार किए गए लगभग 90 प्रतिशत भिखारी पाकिस्तानी नागरिक हैं। इनमें अधिकांश सऊदी अरब, ईरान और इराक में तीर्थयात्रा वीजा पर जाते हैं और वहां भीख मांगते हैं। सऊदी अरब में यह समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि सरकार ने पाकिस्तान से अनुरोध किया है कि ऐसे नागरिकों को देश में भेजने से रोका जाए।

सऊदी अरब सबसे अधिक प्रभावित
सऊदी अरब में हर साल लाखों तीर्थयात्री जाते हैं। पाकिस्तानी भिखारियों की बढ़ती गतिविधियों ने धार्मिक स्थलों में भीड़ और सुरक्षा पर प्रभाव डाला है। एफआईए ने हाल ही में सऊदी जाने वाले विमान में सवार 16 भिखारियों को गिरफ्तार किया, जो उमराह वीजा पर आए थे, लेकिन उनका इरादा मक्का और मदीना में रुककर भीख मांगने का था।

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