अफगानिस्तान में तबाही: भूकंप से अब तक 1400 से अधिक लोगों की मौत, हजारों घायल और बेघर

Edited By Updated: 02 Sep, 2025 04:21 PM

powerful earthquake devastates eastern afghanistan over 1 400 dead

अफ़ग़ानिस्तान के कुनार प्रांत में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें अब तक 1,411 लोगों की मौत और 3,124 घायल हुए हैं। तालिबान के मुताबिक 5,412 घर नष्ट हो चुके हैं। भूकंप के झटके काबुल और पाकिस्तान तक महसूस किए गए। राहत अभियान जारी है और मलबे में कई लोग...

इंटरनेशनल डेस्क: पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान का कुनार प्रांत रविवार आधी रात के बाद एक भयानक भूकंप से दहल उठा। भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई और इसका केंद्र कुनार की राजधानी असदाबाद के पास लगभग 27 किलोमीटर गहराई में था। इस विनाशकारी प्राकृतिक आपदा ने अब तक 1,411 लोगों की जान ले ली है और 3,124 लोग घायल हुए हैं। तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने इस दुखद घटना की पुष्टि की और बताया कि अब तक कुनार में 5,412 घर पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। सरकार की ओर से लगातार राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है। विशेष रूप से प्रभावित इलाकों में हेलीकॉप्टर के ज़रिए घायलों को निकाला जा रहा है ताकि उन्हें तुरंत इलाज मिल सके। इससे पहले अफ़ग़ान रेड क्रिसेंट सोसाइटी ने मरने वालों की संख्या 1,124 बताई थी और कहा था कि करीब 3,251 लोग घायल हुए हैं। संस्था ने यह भी कहा था कि 8,000 से ज़्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है और बहुत से लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। यही कारण है कि राहत कार्य तेज़ी से चल रहे हैं और मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है।

सबसे ज़्यादा नुक़सान कुनार में

कुनार प्रांत इस भूकंप से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है। यहां के अस्पतालों में इतनी भीड़ है कि घायलों को ज़मीन पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है। कई लोगों को सामूहिक रूप से दफनाया गया है क्योंकि परिवारों के पास न तो संसाधन हैं और न ही समय। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बच्चे जो अपने घरों से बेघर हो गए हैं वे खुले आसमान के नीचे रात बिता रहे हैं।नंगरहार, लघमन और नूरिस्तान जैसे पड़ोसी प्रांतों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए और वहां भी कुछ मौतें व घायल होने की सूचना मिली है। वहीं पंजशीर प्रांत में इस भूकंप से आर्थिक नुकसान हुआ है लेकिन किसी के मारे जाने की सूचना नहीं है।

सीमा पार पाकिस्तान तक महसूस हुए झटके

भूकंप के झटके अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल तक महसूस किए गए। इसके साथ ही पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत में भी कंपन दर्ज की गई। इसने साबित कर दिया कि भूकंप की तीव्रता कितनी अधिक थी और इसका प्रभाव कितना व्यापक रहा।

राहत कार्यों में चुनौतियाँ

दूरदराज़ के इलाकों में पहुंचना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। तालिबान सरकार के पास संसाधनों की कमी है और जिन इलाकों में सड़कें नष्ट हो चुकी हैं वहां हेलीकॉप्टरों के माध्यम से घायलों को निकाला जा रहा है।
स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मानवीय संगठनों ने तुरंत सहायता पहुंचाने की बात कही है। राहत शिविर लगाए जा रहे हैं लेकिन अब भी हज़ारों लोग भोजन, पानी और दवाइयों की कमी से जूझ रहे हैं।

भूकंप के बाद की ज़िंदगी

भूकंप के बाद जो लोग बचे हैं उनकी ज़िंदगी पूरी तरह बदल गई है। अपने प्रियजनों को खोने का दुख, घर उजड़ने की पीड़ा और भविष्य की अनिश्चितता ने लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया है। बच्चों की पढ़ाई छूट गई है और महिलाएं व बुज़ुर्ग खुले में जीवन बिता रहे हैं।

 

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