तालिबान के डर से भागे अफगानों को ब्रिटेन ने दिया ठिकाना, डेटा लीक से मचा  हड़कंप

Edited By Updated: 15 Jul, 2025 07:09 PM

secret afghan relocation scheme set up after major data breach

ब्रिटेन सरकार ने गुप्त रूप से हज़ारों अफ़गानों को अपने देश में बसाया है। इन सभी अफ़गान नागरिकों ने अफ़गानिस्तान में ब्रिटिश सेना और सरकारी एजेंसियों के लिए काम किया...

London: ब्रिटेन सरकार ने गुप्त रूप से हज़ारों अफ़गानों को अपने देश में बसाया है। इन सभी अफ़गान नागरिकों ने अफ़गानिस्तान में ब्रिटिश सेना और सरकारी एजेंसियों के लिए काम किया था। लंदन से आई खबर के मुताबिक  तालिबान के डर से इन लोगों की जान पर खतरा था। दरअसल, अगस्त 2021 में अफ़गानिस्तान से अमेरिका और नाटो सेनाओं की वापसी के बाद तालिबान ने पूरे देश पर कब्ज़ा कर लिया था। इसके बाद कई अफ़गानों ने ब्रिटेन में शरण के लिए आवेदन किया था।

 

लेकिन 2022 में एक बहुत बड़ी चूक हो गई। करीब 19,000 अफ़गानों की निजी जानकारी वाला डेटा गलती से लीक हो गया। इसमें नाम, पते और संपर्क जानकारी शामिल थी। कुछ हिस्सा तो ऑनलाइन भी आ गया। इससे उन अफ़गानों की पहचान उजागर हो गई, जिन्होंने तालिबान के खिलाफ लड़ाई में पश्चिमी देशों की मदद की थी। डेटा लीक के बाद तालिबान के बदले की कार्रवाई का डर और बढ़ गया। इसी वजह से ब्रिटेन की उस वक्त की कंजर्वेटिव पार्टी सरकार ने एक गुप्त पुनर्वास योजना तैयार की। अदालत से भी इस योजना से जुड़ी सभी जानकारियां छुपाकर रखने की इजाजत ले ली गई। ब्रिटिश मीडिया में यह मामला अदालत में पहुंचा तो सरकार ने कहा कि अगर सब कुछ सार्वजनिक हुआ तो अफ़गानों की जान और ज्यादा खतरे में पड़ सकती है।

 
अब जब अदालत ने गोपनीयता की रोक हटा दी है, तो मौजूदा लेबर पार्टी सरकार ने मंगलवार को इस ऑपरेशन की जानकारी सार्वजनिक कर दी। ब्रिटिश सरकार ने बताया कि एक स्वतंत्र जांच में यह सामने आया कि डेटा लीक से कुछ खतरा जरूर था, लेकिन बड़े स्तर पर तालिबान की पहुंच नहीं हो पाई। फिर भी हज़ारों अफ़गानों को सुरक्षित तरीके से ब्रिटेन लाया गया ताकि उन्हें किसी भी हमले से बचाया जा सके। ब्रिटिश सेना ने अफ़गानिस्तान में दो दशकों तक ऑपरेशन चलाए थे। इस दौरान कई अफ़गानों ने अनुवादक, ड्राइवर, सुरक्षा गार्ड और सपोर्ट स्टाफ के रूप में काम किया था।

 

तालिबान हमेशा इन्हें ‘गद्दार’ मानता रहा है। कई बार ऐसे लोगों को धमकी या मौत के घाट उतारा जा चुका है। इसलिए ब्रिटेन ने वादा किया था कि जो लोग ब्रिटिश सेना की मदद करेंगे, उन्हें जरूरत पड़ने पर सुरक्षा दी जाएगी और ब्रिटेन में बसाया जाएगा। ब्रिटेन सरकार का कहना है कि अफ़गानों को बसाने का काम अब भी चल रहा है। कुछ को स्थायी घर दिए जा चुके हैं और बाकी के लिए भी इंतज़ाम किया जा रहा है। इन लोगों को नई नौकरी, बच्चों की पढ़ाई और हेल्थकेयर जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। सरकार का कहना है कि भविष्य में ऐसी गलती न दोहराई जाए इसके लिए डेटा सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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