रूस ने दिखाए अपने असली तेवर, कहा-ट्रंप हमें इजरायल-ईरान समझने की भूल न करें वर्ना...

Edited By Updated: 04 Aug, 2025 05:33 PM

trump confirms us envoy witkoff to travel to russia next week

यूक्रेन संकट के बीच अमेरिका और रूस के रिश्तों में एक बार फिर खतरनाक तनाव दिखने लगा है। इस बार रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सीधे शब्दों में चेतावनी दी..

International Desk: यूक्रेन संकट के बीच अमेरिका और रूस के रिश्तों में एक बार फिर खतरनाक तनाव दिखने लगा है। इस बार रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सीधे शब्दों में चेतावनी दी है ‘हम इजरायल या ईरान नहीं हैं, हम पर दबाव डालने की भूल मत करना।’ इसके जवाब में ट्रंप ने भी रूस को सख्त आर्थिक प्रतिबंधों की धमकी दी है और इस जटिल हालात को संभालने के लिए उन्होंने अपना ‘स्पेशल एनवॉय’ यानी विशेष दूत रूस भेजने की तैयारी कर ली है।

 

ट्रंप ने खुद किया दौरे का ऐलान 
रविवार को न्यू जर्सी में मीडिया से बात करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनके विशेष दूत  स्टीव विटकॉफ अगले हफ्ते रूस जा सकते हैं। उन्होंने कहा,  ‘स्टीव अभी हमारी दक्षिणी सीमा और गाजा में लोगों को मदद पहुंचाने के काम में जुटे हैं। लेकिन रूस ने उनसे मुलाकात की इच्छा जताई है। हो सकता है बुधवार या गुरुवार को स्टीव रूस जाएं। देखते हैं क्या होता है।’ 

 

रूस पर नए प्रतिबंधों की चेतावनी
ट्रंप ने दो टूक कहा कि अगर यूक्रेन के साथ शांति समझौते पर सहमति नहीं बनी तो 9 अगस्त से रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा दिये जाएंगे। ट्रंप बोले,  ‘अगर कोई समझौता नहीं होता तो रूस पर 100% टैरिफ लगेगा। हालांकि मुझे लगता है रूस ऐसे प्रतिबंधों से बचने में भी माहिर है।’  उन्होंने साफ कहा कि समाधान सिर्फ तभी निकलेगा जब ‘लोगों की हत्याएं रुकें।’ अमेरिका-रूस के बीच मौजूदा तनातनी तब और बढ़ गई जब कुछ दिन पहले ट्रंप ने रूस से मुकाबले के लिए अमेरिका की दो परमाणु पनडुब्बियों को  ‘उपयुक्त बिंदुओं’  पर तैनात करने का आदेश दे दिया था। इसी फैसले से रूस भड़क गया और ट्रंप और रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के बीच जुबानी जंग छिड़ गई।

 

मेदवेदेव  भी ट्रंप को दे चुके खुली धमकी 
रूस के पूर्व राष्ट्रपति और मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ट्रंप रूस को अल्टीमेटम देकर आग से खेल रहे हैं। उन्होंने लिखा,  ‘उन्हें याद रखना चाहिए कि रूस इजरायल या ईरान नहीं है। हर नया अल्टीमेटम अमेरिका और रूस के बीच युद्ध के खतरे को और बढ़ा रहा है। यह सिर्फ यूक्रेन के साथ नहीं बल्कि सीधे अमेरिका के साथ जंग को न्यौता देने जैसा है।’ मेदवेदेव ने कहा,  ‘ट्रंप कभी कह रहे हैं कि रूस के पास 50 दिन हैं, फिर कहते हैं सिर्फ 10 दिन हैं! ट्रंप को ‘स्लीपी जो’ (जो बाइडेन) वाला रास्ता नहीं अपनाना चाहिए।’ 

 

 रूस के भड़कने का कारण
दरअसल ट्रंप ने पहले रूस को 50 दिनों की मोहलत दी थी कि वह यूक्रेन के साथ शांति समझौता करे। वरना रूस और उसके साझेदार देशों पर कड़े व्यापारिक शुल्क यानी 100% टैरिफ लगा दिया जाएगा। मगर बाद में ट्रंप ने यह डेडलाइन घटाकर महज 10 से 12 दिन कर दी, जिससे मास्को और भड़क गया। अब रूस साफ कर चुका है कि वह किसी भी दबाव या अल्टीमेटम के आगे नहीं झुकेगा और उसने ट्रंप को चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका कोई कठोर कदम उठाता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। अब इस बिगड़ती स्थिति को संभालने के लिए ट्रंप ने स्टीव विटकॉफ को विशेष दूत बनाकर रूस भेजने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि विटकॉफ रूसी अधिकारियों से बातचीत कर कोई बीच का रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे ताकि अमेरिका के प्रतिबंधों और रूस की धमकी के बीच सीधे टकराव से बचा जा सके।
 

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