ब्रिटिश वेबसाइट ने की नेताजी के अवशेषों का DNA टेस्ट करने की मांग

Edited By ,Updated: 22 Feb, 2016 11:24 AM

uk website calls for dna test of netaji subhas chandra boses mortal remains

नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अंतिम दिनों का ब्योरा जुटाने के लिए स्थापित एक ब्रिटिश वेबसाइट ने कहा है कि निर्णायक रूप से यह साबित करने के लिए राष्ट्रवादी नेता के अवशेष...

लंदन:नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अंतिम दिनों का ब्योरा जुटाने के लिए स्थापित एक ब्रिटिश वेबसाइट ने कहा है कि निर्णायक रूप से यह साबित करने के लिए राष्ट्रवादी नेता के अवशेष का डीएनए परीक्षण किया जाना चाहिए कि 1945 में ताईवान में विमान हादसे में उनकी मृत्यु हो गई थी । इस वेबसाइट ने भारत सरकार से इन स्वतंत्रता सेनानी के अवशेष का डीएनए परीक्षण के लिए जापान सरकार से संपर्क करने का आह्वान किया । माना जाता है कि नेताजी का अवशेष टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में सितंबर, 1945 से संरक्षित रखा गया है। यह भी माना जाता है कि बोस 18 अगस्त, 1945 को ताईवान में एक विमान हादसे में चल बसे थे। 

www.bosefiles.info ने एक बयान में कहा, 'एक डीएनए परीक्षण से बोस की मृत्यु को लेकर विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा।' इस वेबसाइट ने यह दर्शाने के लिए उन चिट्ठियों को जारी भी किया है जो पांच सितंबर, 1995 को बोस के पोते और इस वेबसाइट के संस्थापक आशीष राय ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव को लिखी थी और बोस के अवशेष का डीएनए परीक्षण का सुझाव दिया था ।

पिछले ही महीने इस पत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक किया और नेताजी कागजात के शीर्षक से राष्ट्रीय अभिलेख की फाइलों में उसे पोस्ट किया । इस पत्र में राय ने राव से रेंकोजी मंदिर में रखे अवशेष का डीएनए परीक्षण कराने का अनुरोध किया है। उसके और ब्रिटिश एवं अमरीकी डीएनए परीक्षण संस्थानों के साथ टेलीफोन पर संपर्क करने के बाद 21 सितंबर, 1995 को राय ने इस मुद्दे पर तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी से संपर्क किया। अगले दिन 22 सितंबर, 1995 को राय को ब्रिटेन के फोरेंसिक साइंस सर्विस के के. सुल्लीवान ने लिखित संदेश भेजा, 'सुभाषचंद्र बोस के अवशेष के विश्लेषण के बारे में टेलीफोन पर बातचीत होने के संदर्भ में मैं इस बात की पुष्टि करने में समर्थ हूं कि उनके बहन के परिवार की ओर से भांजा या भांजी का रक्त नमूना डीएनए विश्लेषण के लिए उपयुक्त होगा।'

राय ने प्रोफेसर अनीता पफ को यह भेजा जो बोस की एकमात्र उत्तराधिकारी हैं और जर्मनी में रहती हैं। उसके बाद राय ने बोस की बहनों में एक- दिवंगत शांति कुमार दत्त के बेटे से संपर्क किया जिन्होंने डीएनए परीक्षण के लिए सहयोग करने के लिए पूरी तरह इच्छुक थे। मुखर्जी को ब्रिटिश फोरेंसिक साइंस सर्विस और दत्त से भेजे गए पत्र इस वेबसाइट पर डाले गए हैं।

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