जंग मे यूक्रेन ने बदल दिया खेलः रूस की सबसे कमजोर नस पर किया वॉर ! पुतिन का 100 अरब डॉलर का साम्राज्य किया स्वाह

Edited By Updated: 29 Sep, 2025 11:51 AM

ukraine is obliterating putin s 100billion weak point

यूक्रेन ने रूस के ऊर्जा साम्राज्य पर लगातार ड्रोन हमले किए हैं, जिससे रूस के तेल और गैस संयंत्रों को भारी नुकसान हुआ है। इस रणनीति का मकसद रूस की युद्ध मशीनरी और आर्थिक ताकत को कमजोर करना है। ड्रोन द्वारा लक्षित जगहें महंगी और जटिल प्रोसेसिंग...

International Desk:रूस-यूक्रेन युद्ध में नया मोड़ आ चुका है। लगभग ढाई साल तक दोनों सेनाएं मोर्चों पर भिड़ती रहीं, लेकिन अब यूक्रेन ने खेल बदल दिया है। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पुतिन के साम्राज्य की उस नस पर वार किया है, जिससे पूरा रूस जीवित है-"ऊर्जा साम्राज्य"। दरअसल  रूस की ताकत ही अब उसकी कमजोरी है।रूस का  तेल और गैस निर्यात ही उसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। युद्ध से पहले बजट का 40%  हिस्सा यहीं से आता था, अब भी  30%  से ज़्यादा इसी पर निर्भर है। लेकिन यूक्रेनी ड्रोन हमलों ने इस आय को ही निशाने पर ले लिया है। यानी जो रूस की ताकत थी, वही अब उसकी सबसे बड़ी कमजोरी बन चुकी है।

 

 यूक्रेन की "ड्रोन रणनीति"

  •  महंगे फाइटर जेट या मिसाइल नहीं, बल्कि सस्ते और लंबे रेंज वाले ड्रोन  रूस की करोड़ों डॉलर की रिफाइनरियों को पंगु बना रहे हैं।
  •  यूक्रेन  तेल स्टोरेज टैंकों पर नहीं बल्कि प्रोसेसिंग यूनिट्स पर वार कर रहा है।
  •  उनकी मरम्मत के लिए ज़रूरी पार्ट्स और तकनीक रूस को पश्चिमी प्रतिबंधों की वजह से नहीं मिल रही। 
  • नतीजन एक छोटा ड्रोन महीनों तक पूरे रिफाइनरी को ठप कर देता है।

 

यूक्रेन के हालिया बड़े हमले और नुकसान

  • नवोकुइबिशेव्स्क (समारा) – 2 अगस्त 2025: $300 मिलियन का झटका
  • रियाज़ान (रोसनेफ्ट) – 4 अगस्त 2025: $500 मिलियन का नुकसान
  • सिज़रान (समारा) – 15 अगस्त 2025: 30 दिन बंद, $280 मिलियन का नुकसान
  • कुइबिशेव्स्क (समारा) – 29 अगस्त 2025: 30 दिन प्रोडक्शन ठप, $280 मिलियन का नुकसान
  • किरिशी (लेनिनग्राद) – 14 सितम्बर 2025: $800 मिलियन का भारी झटका
  • सलावत (बश्कोर्तोस्तान) – 18 और 24 सितम्बर 2025: $300 मिलियन का नुकसान
  • अस्त्रखान गैस प्लांट – 23 सितम्बर 2025: ऑपरेशन बंद, भारी आर्थिक नुकसान

 

 रूस की जनता तक पहुंची "जंग"
अब तक रूसियों के लिए यह जंग सिर्फ टीवी पर चल रही थी।लेकिन अब सीधी जनता तक पहुंच गई है। पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनें,  ईंधन की कीमतों में उछाल, गैस सप्लाई में बाधा  ने आम नागरिकों को जता दिया है कि यह जंग उनके घर तक आ चुकी है। केवल अगस्त-सितंबर 2025 में रूस की सात बड़ी रिफाइनरियों पर हमले हुए। कुल नुकसान 100 अरब डॉलर से ज्यादा।  सलावत और अस्त्रखान जैसे प्लांट रूस की स्ट्रैटेजिक एनर्जी चेन में अहम हैं, और इन्हें निशाना बनाकर यूक्रेन ने पुतिन के सामने डोमिनो इफेक्ट खड़ा कर दिया है।

  
डिफेंस एनालिस्ट्स मानते हैं  रूस को अपनी ऊर्जा आपूर्ति बचाने के लिए नए सुरक्षा ढांचे  बनाने होंगे, जिस पर अरबों डॉलर और खर्च होंगे। उनका मानना है कि अगर ये हमले इसी रफ्तार से जारी रहे, तो रूस को निर्यात घटाना पड़ेगा जिसका सीधा असर उसके युद्ध फंड पर पड़ेगा। पुतिन का राजनीतिक भविष्य भी इससे प्रभावित हो सकता है क्योंकि जब आम नागरिक रोजमर्रा की ज़िंदगी में संकट झेलेंगे, तब  "विशेष सैन्य अभियान" का समर्थन घटेगा। साफ है कि यूक्रेन ने पुतिन को वहां चोट पहुंचाई है, जहां वह सबसे ज्यादा दर्द महसूस कर सकते हैं। यह सिर्फ युद्ध का मोर्चा नहीं, बल्कि  रूस के आर्थिक भविष्य का निर्णायक युद्धक्षेत्र बन चुका है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!