Edited By Tanuja,Updated: 06 Dec, 2025 11:50 AM

अमेरिका और यूक्रेन लगातार तीसरे दिन शांति वार्ता कर रहे हैं, जिसमें युद्ध के बाद यूक्रेन की सुरक्षा व्यवस्था और पुनर्निर्माण पर चर्चा हो रही है। दोनों देशों ने कहा कि समझौता तभी संभव है जब रूस दीर्घकालिक शांति के लिए गंभीर कदम उठाए। जेलेंस्की ने...
International Desk: यूक्रेन संकट को शांत करने की कोशिशें एक बार फिर तेज हो गई हैं। अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारी लगातार तीसरे दिन भी वार्ता करने जा रहे हैं। दोनों पक्ष युद्ध के बाद यूक्रेन के लिए एक मज़बूत सुरक्षा तंत्र (Security Framework) बनाने पर चर्चा कर रहे हैं। यह बातचीत उस प्रगति के बाद हो रही है जो पिछले दो दिनों में फ्लोरिडा में हुई थी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकारों और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि किसी भी समझौते की बुनियाद रूस की दीर्घकालिक शांति प्रतिबद्धता होगी। बयान में कहा गया कि अगर रूस तनाव कम करने, हमलों को रोकने और स्थायी समाधान की दिशा में कदम नहीं उठाता, तो समझौता संभव नहीं है।
बैठकों में युद्ध के बाद यूक्रेन के पुनर्निर्माण, अमेरिका–यूक्रेन के आर्थिक सहयोग, और दीर्घकालिक इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई।यह वार्ता मंगलवार को क्रेमलिन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी दूतों के बीच हुई बैठक के बाद शुरू हुई। इसके बाद अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और ट्रंप के दामाद जैरेड कुशनर ने फ्लोरिडा में यूक्रेन के मुख्य वार्ताकार रुस्तम उमेरोव से मुलाकात की।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि उनकी टीम यह जानना चाहती थी कि क्रेमलिन बैठक में पुतिन ने कौन से नए बहाने दिए, ताकि युद्ध को और लंबा खींचा जा सके। जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं का आरोप है कि रूसी सेना संघर्ष बढ़ाने की कोशिश कर रही है, जबकि पुतिन शांति वार्ता को धीमा कर रहे हैं। इस बीच, क्रेमलिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कुशनर की तारीफ़ करते हुए कहा कि वे रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कराने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। लगभग चार वर्षों से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए ये नई वार्ताएं उम्मीद जगा रही हैं, हालांकि अभी भी इनकी दिशा को लेकर कई सवाल बने हुए हैं।