ट्रंप ने हत्या-बलात्कार के खतरनाक अपराधी अमेरिका से निकाले, तीसरे मुल्क भेजे ! मानवाधिकार समूहों ने जताई चिंता

Edited By Updated: 16 Jul, 2025 07:35 PM

us sends third country deportees to the small african kingdom of eswatini

अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के गोपनीय तृतीय-देश निर्वासन कार्यक्रम के तहत पांच लोगों को अफ्रीकी देश एस्वातिनी निर्वासित कर दिया है। अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने ...

International Desk: अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के गोपनीय तृतीय-देश निर्वासन कार्यक्रम के तहत पांच लोगों को अफ्रीकी देश एस्वातिनी निर्वासित कर दिया है। अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में लोगों को उन देशों में भेजने पर लगाया गया प्रतिबंध हटा दिया था, जहां से उनका कोई संबंध नहीं है। इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने आठ लोगों को एक अन्य अफ्रीकी देश दक्षिण सूडान निर्वासित कर दिया था। हालांकि, दक्षिण सूडान की सरकार ने यह बताने से इनकार कर दिया है कि लगभग दो हफ्ते पहले पहुंचने वाले इन लोगों को कहां रखा गया है।

 

गृह सुरक्षा विभाग की सहायक मंत्री ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने मंगलवार देर रात 'एक्स' पर एक पोस्ट में बताया कि वियतनाम, जमैका, क्यूबा, यमन और लाओस के पांच नागरिकों को एक विमान से एस्वातिनी भेज दिया गया है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इन लोगों को कब भेजा गया और इन्हें कहां रखा गया है। मैकलॉघलिन ने कहा कि ये सभी लोग दोषी ठहराए गए अपराधी थे और “इतने बर्बर व्यक्ति थे कि उनके मूल देशों ने उन्हें वापस लेने से इनकार कर दिया था।” उन्होंने कहा कि ये लोग “अमेरिकी समुदायों को आतंकित कर रहे थे”, लेकिन अब उन्हें “अमेरिकी धरती से बाहर” कर दिया गया है। मैकलॉघलिन ने कहा कि इन लोगों को हत्या और बच्चों के साथ बलात्कार जैसे अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था और इनमें से एक बड़े गिरोह का “कुख्यात” सदस्य रह चुका है।

 

दक्षिण सूडान की तरह ही एस्वातिनी के अधिकारियों ने भी फिलहाल तीसरे देश के निर्वासित लोगों को स्वीकार करने के सिलसिले में अमेरिका से कोई समझौता होने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है, न ही उन्होंने यह बताया है कि देश में इन लोगों के साथ क्या किया जाएगा। एस्वातिनी के नागरिक समूहों ने देश की सरकार की ओर से गोपनीयता बरते जाने पर चिंता जताई है, जिस पर लंबे समय से मानवाधिकारों का हनन करने का आरोप है। लोकतंत्र समर्थक समूह एसडब्ल्यूएएलआईएमओ के प्रवक्ता इंगिफाइल दलामिनी ने एक बयान में कहा, “इन निर्वासितों को स्वीकार करने के लिए अमेरिका के साथ किसी भी समझौते या समझ के संबंध में एस्वातिनी सरकार की ओर से आधिकारिक संचार का अभाव रहा है।”

 

दलामिनी ने कहा, “इस अस्पष्टता के कारण नागरिक संस्थाओं के लिए इसके निहितार्थों को समझना कठिन हो जाता है।” उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें हिरासत केंद्र में रखा गया है या नहीं, उनकी कानूनी स्थिति क्या है और निर्वासित लोगों के लिए एस्वातिनी सरकार की क्या योजना है। एस्वातीनी लगभग 12 लाख की आबादी वाला अफ्रीकी देश है, जो दक्षिण अफ्रीका और मोजाम्बिक से घिरा हुआ है। यह अफ्रीका का एकमात्र और दुनिया के चुनिंदा राजतंत्रों में से एक है। महाराज मस्वाती तृतीय 1986 से इस पर शासन कर रहे हैं। एस्वातीनी को पहले स्वाजीलैंड के नाम से जाना जाता था। दलामिनी ने कहा कि चूंकि, एस्वातिनी एक गरीब देश है, जहां संसाधनों की अपेक्षाकृत कमी है, इसलिए उसे “जटिल पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों, विशेष रूप से गंभीर आपराधिक मामलों में दोषी पाए गए व्यक्तियों को समायोजित करने और उनका प्रबंधन करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।”   

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