Edited By Tanuja,Updated: 21 Sep, 2025 06:23 PM

जापान इस समय भीषण हीटवेव संकट से जूझ रहा है। रिकॉर्ड तोड़ गर्मी ने सैकड़ों बुजुर्गों की जान ले ली है। हालत यह है कि लाखों बुजुर्ग अकेले रहते हैं, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है...
International Desk: जापान इस समय भीषण हीटवेव संकट से जूझ रहा है। रिकॉर्ड तोड़ गर्मी ने सैकड़ों बुजुर्गों की जान ले ली है। हालत यह है कि लाखों बुजुर्ग अकेले रहते हैं, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि उम्र बढ़ने के साथ शरीर गर्मी को सहन नहीं कर पाता, पसीना कम आता है और प्यास का अहसास देर से होता है, इसलिए बुजुर्ग तेजी से हीटस्ट्रोक का शिकार हो जाते हैं।
अब तक का सबसे खतरनाक गर्मी का मौसम
- अगस्त में तापमान 41.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा, जो अब तक का रिकॉर्ड है।
- जून से सितंबर तक लगातार दमघोंटू गर्मी बनी रही।
- सिर्फ मई से अगस्त के बीच 90,000 लोग हीटस्ट्रोक से अस्पताल पहुंचे, जिनमें अधिकतर बुजुर्ग थे।
अकेलेपन और काम करने की मजबूरी ने बढ़ाया खतरा
जापान की वर्क कल्चर ने बुजुर्गों को परिवार से दूर कर दिया है। कई बुजुर्ग खेतों, फैक्ट्रियों और छोटे कामों में अब भी लगे रहते हैं। तेज धूप और खुले माहौल में वे आसानी से हीटस्ट्रेस का शिकार हो जाते हैं।टोक्यो में हुई 101 हीटस्ट्रोक मौतों में से 66 मौतें ऐसे घरों में हुईं, जहां AC तो था, लेकिन चलाया नहीं गया।
इसके पीछे तीन बड़ी वजहें हैं:
- पुरानी पीढ़ी AC की आदी नहीं है।
- कुछ लोग इसे पर्यावरण के लिए हानिकारक मानते हैं।
- महंगे बिजली बिलों से बचने के लिए बुजुर्ग AC बंद रखते हैं।
- बहुत से बुजुर्ग पंखे या प्राकृतिक हवा पर निर्भर रहते हैं, लेकिन इतनी गर्मी में ये कारगर नहीं हैं।
सरकार और समाज की नई चुनौती
सरकार अब बुजुर्गों को बचाने के लिए अलार्म डिवाइस दे रही है, जो खतरे के समय इमरजेंसी टीम को बुला लेता है। लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बुजुर्ग आबादी और जलवायु संकट का मेल आने वाले सालों में जापान के लिए और भी बड़ी चुनौती बनेगा।