Edited By Yaspal,Updated: 02 Mar, 2024 08:09 AM
![1 dozen apps including shaadi naukri 99acres removed from play store](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_3image_00_08_027464948googleplay-ll.jpg)
ऐसे कई भारतीय ऐप्स हैं, जिन पर गूगल की गाज गिरना शुरू हो चुकी है। गूगल 10 इंडियन ऐप्स को प्ले स्टोर से रिमूव करना शुरू कर चुका है। गूगल ने अपने प्ले स्टोर से नौकरी डॉट कॉम और 99 acres को अपने प्लेटफार्म से हटा दिया है।
नेशनल डेस्कः ऐसे कई भारतीय ऐप्स हैं, जिन पर गूगल की गाज गिरना शुरू हो चुकी है। गूगल 10 इंडियन ऐप्स को प्ले स्टोर से रिमूव करना शुरू कर चुका है। गूगल ने अपने प्ले स्टोर से नौकरी डॉट कॉम और 99 acres को अपने प्लेटफार्म से हटा दिया है। इन दोनों भारतीय ऐप्स का मालिकाना हक इंफो एज के पास है। दरअसल, गूगल अपने प्लेटफार्म पर ऐप्स को जगह देने के लिए फीस चार्ज करता है। भारतीय स्टार्टअप्स गूगल के इसी फैसले के खिलाफ हैं। वहीं, दूसरी ओर गूगल का कहना है कि फीस से प्ले स्टोर पर एंड्रॉयड के इकोसिस्टम को प्रमोट करने में मदद मिलती है।
गूगल के इस एक्शन पर संस्थापकों की तीखी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने गूगल के इस तरह से उनके ऐप को हटाने पर ताज्जुब जाहिर किया है। Shaadi के संस्थापक अनुपम मित्तल ने आज को भारतीय इंटरनेट के लिए काला दिन करार दिया है। उन्होंने गूगल को 'नई डिजिटल ईस्ट इंडिया' कंपनी बताया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गूगल ने भारतीय डेवलपर्स के उन ऐप्स को हटाने का फैसला किया है जो उसकी बिलिंग पॉलिसी का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐप्स पर एक्शन का यही कारण है।
मामले में इंटरनेट और मोबाइल कंपनियों की एसोसिएशन IAMAI भी उतर आई है। उसने गूगल को सख्त एडवाइजरी जारी की है। संगठन ने गूगल से भारतीय ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाने से रोकने की अपील की है। इन्फो एज के संस्थापक संजीव बिखचंदानी ने कहा है कि ऐसा लगता है कि गूगल ने भारतीय डेवलपर्स के लिए अपनी ऐप बिलिंग पॉलिसी को लागू करने के लिए यह कदम उठाया है। गूगल की ऐप पॉलिसी के खिलाफ एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद इन्फो एज के Naukri और 99acres ऐप 9 फरवरी से गूगल की ऐप पॉलिसी का पालन कर रहे थे। इसके बावजूद उन्हें गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है।
अनुपम मित्तल ने बताया काला दिन
Shaadi के अनुपम मित्तल ने कहा, आज भारतीय इंटरनेट के लिए काला दिन है। गूगल ने अपने ऐप स्टोर से प्रमुख ऐप्स को हटा दिया है। यह और बात है कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है। गूगल के झूठे नैरेटिव और दुस्साहस से पता चलता है कि उसे भारत के प्रति बहुत कम सम्मान है। कोई गलती न करें। यह नई डिजिटल ईस्ट इंडिया कंपनी है। इस लगान को रोका जाना चाहिए!
गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में जानकारी दी कि वह लगातार काम कर रही है ताकि ऐप्स ओनर को अच्छी सर्विस मिल पाए। अपने नीतियों को लागू करने के लिए हम उचित कदम उठा रहे हैं, जैसे हम वैश्विक स्तर पर किसी पॉलिसी का उल्लंघन करने पर उठाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से किया था मना
गूगल की बिलिंग पॉलिसी के खिलाफ इंडियन स्टार्टअप्स द्वारा दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 9 फरवरी को सुनवाई के लिए सहमत हुआ। लेकिन CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने इन स्टार्टअप्स को प्ले स्टोर से हटाने से बचाने वाला अंतरिम आदेश पारित करने से मना कर दिया।