11वीं यूके गत्तका चैंपियनशिप स्वान्ज़ी में 14 सितंबर को आयोजित होगी: ढेसी

Edited By Updated: 11 Sep, 2025 08:41 PM

11th uk gatka championship to be held in swansea on september 14 dhesi

गत्तका फेडरेशन यूके द्वारा विश्व गत्तका फेडरेशन के सहयोग से रविवार, 14 सितंबर, 2025 को वेल्स के शहर स्वान्ज़ी में बेअ स्पोर्ट्स पार्क में 11वीं यूके गत्तका चैंपियनशिप आयोजित की जा रही है। इस टूर्नामेंट में यूके भर से गत्तका टीमें भाग लेंगी और शानदार...

नेशनल डेस्क: गत्तका फेडरेशन यूके द्वारा विश्व गत्तका फेडरेशन के सहयोग से रविवार, 14 सितंबर, 2025 को वेल्स के शहर स्वान्ज़ी में बेअ स्पोर्ट्स पार्क में 11वीं यूके गत्तका चैंपियनशिप आयोजित की जा रही है। इस टूर्नामेंट में यूके भर से गत्तका टीमें भाग लेंगी और शानदार मुकाबले पेश करेंगी।

इस टूर्नामेंट के महत्व के संबंध में विश्व गत्तका फेडरेशन के प्रधान हरजीत सिंह ग्रेवाल, स्टेट अवॉर्डी, ने कहा कि यह वार्षिक प्रतियोगिता न केवल पारंपरिक कला का सम्मान है, बल्कि युवाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, सिख संस्कृति का गौरव बनाए रखने और युद्ध कौशल को संजोने का भी प्रयास है।

गत्तका प्रमोटर ग्रेवाल, जो कि नेशनल गत्तका एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय प्रधान भी हैं, ने कहा कि ब्रिटेन समेत विश्व के अन्य देशों में गत्तका के प्रति बढ़ती रुचि और युवाओं में इस खेल को खेलने का उत्साह देखकर अत्यंत प्रसन्नता होती है।

पिछले 12 वर्षों से सफलतापूर्वक यह चैंपियनशिप आयोजित कर रहे सोलह से सांसद और गत्तका फेडरेशन यूके के अध्यक्ष तनमनजीत सिंह ढेसी ने कहा कि ऐसे पारंपरिक खेल आयोजन युवाओं को सिख धर्म, संस्कृति और गौरवशाली इतिहास से जोड़ने के साथ-साथ उन्हें स्वस्थ, अनुशासित और प्रेरित जीवनशैली अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं। हर साल इस आयोजन में लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।

उन्होंने बताया कि इस चैंपियनशिप में गत्तका सोटी और फर्री-सोटी में विभिन्न आयु वर्ग के मुकाबले होंगे, साथ ही गत्तकेबाज़ जंगजी तकनीकों का भी शानदार प्रदर्शन करेंगे। इस आयोजन के सफल संचालन हेतु स्थानीय स्वान्ज़ी गुरुद्वारा साहिब की प्रबंधकी कमेटी और संगत का पूरा सहयोग प्राप्त है।

जनता से अपील करते हुए तनमनजीत सिंह ढेसी ने कहा कि यह खेल कार्यक्रम सभी के लिए खुले हैं। परिवार के सभी सदस्य बड़े उत्साह से इसमें भाग लें। लंगर और रिफ्रेशमेंट की भी पूर्ण व्यवस्था की गई है। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि गत्तका (सोटी के साथ युद्ध कला) प्राचीन सिख शस्त्र कला का अभिन्न अंग है। यह न केवल युद्ध कौशल, आत्मरक्षा और आत्म-नियंत्रण सिखाता है, बल्कि निरंतर फुर्ती, पैरों की चाल का तालमेल, तंदुरुस्ती, आत्मविश्वास और आध्यात्मिकता से भी जोड़ता है।

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