अजीबोगरीब घटना: 35 वर्षीय महिला ने निगला Mobile Phone, इलाज के दौरान मौत!

Edited By Updated: 28 Jan, 2025 10:12 AM

35 year old woman swallowed mobile phone died

आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां मनोरोग से पीड़ित एक महिला ने कीपैड मोबाइल फोन निगल लिया। वहीं डॉक्टरों ने सर्जरी कर फोन निकाला लेकिन दिल की खराब स्थिति और ऑक्सीजन की कमी के कारण इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

नेशनल डेस्क। आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां मनोरोग से पीड़ित एक महिला ने कीपैड मोबाइल फोन निगल लिया। वहीं डॉक्टरों ने सर्जरी कर फोन निकाला लेकिन दिल की खराब स्थिति और ऑक्सीजन की कमी के कारण इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

आमतौर पर हम बच्चों के कुछ निगलने से हादसे होने की खबरें सुनते हैं लेकिन यहां एक 35 वर्षीय महिला की मौत की वजह बनी एक मोबाइल फोन।

क्या है मामला?

राजमुंदरी की रहने वाली पेनुमल्ला राम्या स्मृति जो मनोरोग संबंधी समस्याओं से जूझ रही थीं ने कीपैड वाला मोबाइल फोन निगल लिया। यह घटना तब सामने आई जब उनके रिश्तेदार ने उनका फोन ढूंढना शुरू किया। जब रिश्तेदार ने स्मृति से फोन के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्होंने फोन निगल लिया है।

 

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कैसे हुई सर्जरी?

स्मृति को तुरंत राजमुंदरी के सरकारी जनरल अस्पताल ले जाया गया। ईएनटी डॉक्टरों ने जांच में पाया कि फोन उनके वॉयस बॉक्स के ऊपर फंसा हुआ है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर फोन को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया।

क्या हुआ ऑपरेशन के बाद?

ऑपरेशन के दौरान उनका दिल रुक गया। डॉक्टरों ने तुरंत CPR देकर उनकी धड़कन को दोबारा चालू कर दिया लेकिन ऑपरेशन के बाद उनके दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो गई जिससे उनके दिल की कार्यक्षमता प्रभावित हुई। उनका ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट असामान्य रूप से बढ़ गया जिसके कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया।

 

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काकीनाडा रेफर और मौत

हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए काकीनाडा के सरकारी जनरल अस्पताल (GGH) रेफर कर दिया। जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी हालत और खराब हो गई और उनकी मौत हो गई।

डॉक्टरों का सुझाव

➤ मनोरोग से जूझ रहे मरीजों की विशेष देखभाल करें।
➤ ऐसे मरीजों को अकेला न छोड़ें और उनकी आदतों पर नजर रखें।
➤ समय रहते इलाज कराना जरूरी है।

वहीं यह घटना बताती है कि मनोरोग को नजरअंदाज करना कितना खतरनाक हो सकता है। ऐसी परिस्थितियों में परिवार और समाज को मिलकर मरीज का साथ देना चाहिए।

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