Edited By Mansa Devi,Updated: 22 Dec, 2025 12:33 PM

रेल मंत्रालय ने दावा किया है कि 8 से 14 दिसंबर के बीच देशभर में औसतन 80 प्रतिशत ट्रेनें अपने तय समय पर चलीं। मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि इस दौरान ट्रेनों की समयपालन व्यवस्था में पहले की तुलना में सुधार देखने को मिला है।
नेशनल डेस्क: रेल मंत्रालय ने दावा किया है कि 8 से 14 दिसंबर के बीच देशभर में औसतन 80 प्रतिशत ट्रेनें अपने तय समय पर चलीं। मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि इस दौरान ट्रेनों की समयपालन व्यवस्था में पहले की तुलना में सुधार देखने को मिला है। रेलवे के अनुसार, बेहतर ऑपरेशनल मैनेजमेंट और रियल-टाइम मॉनिटरिंग के चलते ट्रेन सेवाएं अधिक सुचारू हुई हैं।
कई डिवीजनों में 90% से ज्यादा पंक्चुअलिटी का दावा
रेलवे का कहना है कि इस अवधि में 22 डिवीजनों ने 90 प्रतिशत से अधिक समयपालन दर्ज किया। कुछ प्रमुख डिवीजनों में तो यह आंकड़ा 96 प्रतिशत से भी ऊपर रहा। अधिकारियों के मुताबिक, बेहतर समन्वय और निगरानी से देरी में कमी आई है और यात्रियों को पहले से बेहतर यात्रा अनुभव मिला है।
सोशल मीडिया पर रेलवे के दावे पर सवाल
रेल मंत्रालय के इस दावे के बाद सोशल मीडिया पर कई यात्रियों ने असहमति जताई। लोगों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि हकीकत में कई ट्रेनें घंटों की देरी से चल रही हैं। कुछ यूजर्स का आरोप है कि टाइमटेबल में अतिरिक्त समय जोड़कर ट्रेनों को कागजों में समय पर दिखाया जाता है, जबकि जमीनी स्तर पर स्थिति अलग होती है।
कोहरे और रखरखाव को बताया देरी की वजह
वहीं, कुछ यूजर्स ने सर्दियों में कोहरे और कम दृश्यता को ट्रेन देरी का अहम कारण बताया। उनका कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से ट्रेनों का धीमी गति से चलना जरूरी है। साथ ही, सर्दियों में ट्रैक के रखरखाव कार्य भी होते हैं, जिससे कुछ रूट्स पर ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित होती है।