Edited By Anu Malhotra,Updated: 08 Dec, 2025 11:37 AM

जैसे-जैसे उत्तरी भारत में ठंड की चादर फैल रही है, स्कूल जाने वाले बच्चों के चेहरे पर मुस्कान और चौड़ी होती जा रही है। जहां कई राज्यों में बच्चे अभी भी सर्दियों की आधिकारिक छुट्टियों का इंतज़ार कर रहे हैं, वहीं जम्मू-कश्मीर के विंटर ज़ोन में बच्चों...
नेशनल डेस्क: जैसे-जैसे उत्तरी भारत में ठंड की चादर फैल रही है, स्कूल जाने वाले बच्चों के चेहरे पर मुस्कान और चौड़ी होती जा रही है। जहां कई राज्यों में बच्चे अभी भी सर्दियों की आधिकारिक छुट्टियों का इंतज़ार कर रहे हैं, वहीं जम्मू-कश्मीर के विंटर ज़ोन में बच्चों के लिए लंबी और आरामदायक छुट्टियों का दौर पहले ही शुरू हो चुका है। घना कोहरा, टेंपरेचर में तेज गिरावट और पहाड़ी इलाकों में बर्फ जमने की वजह से प्रशासन ने स्कूलों के लिए बड़े पैमाने पर अवकाश घोषित किया है।
किस जगह और किन तारीख़ों में स्कूल बंद?
जम्मू-कश्मीर के ठंडे क्षेत्रों—यानी Winter Zone—में 8 से 14 दिसंबर तक लगातार छुट्टियां रखी गई हैं। इन सात दिनों के दौरान बच्चों को स्कूल जाने की जरूरत नहीं है। लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है—क्योंकि इसके बाद भी महीनों तक स्कूल बंद रहने वाले हैं।
दिसंबर से फरवरी तक का विस्तृत अवकाश कार्यक्रम
▶ प्री-प्राइमरी (नर्सरी–UKG)
▶ कक्षा 1 से 8
▶ कक्षा 9 से 12
इन तारीखों से साफ है कि पहाड़ी इलाकों में ठंड इतनी तेज है कि वहां लगभग तीन महीनों तक सामान्य कक्षाएं संचालित करना संभव ही नहीं।
बच्चे खुश, माता-पिता और शिक्षक भी राहत में
लंबी छुट्टियों की घोषणा के बाद बच्चों का उत्साह देखने लायक है- ना सुबह-सुबह ठंडी हवा में तैयार होना, ना ही कोहरे में बस का इंतज़ार। साथ ही, माता-पिता और शिक्षक भी कई हफ्तों से चल रहे कठोर मौसम को देखते हुए इस फैसले से राहत महसूस कर रहे हैं। कई परिवार अब इस अवकाश को घर में आराम, खेल और त्योहारों की तैयारियों के लिए बेहतरीन मौका मान रहे हैं।
क्यों ज़रूरी पड़ी इतनी लंबी छुट्टी?
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पहाड़ों में बर्फ जमने से रास्ते फिसलन भरे
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सुबह–सुबह कोहरा घना, विज़िबिलिटी बेहद कम
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तापमान शून्य से नीचे, बच्चों के लिए जोखिम
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हीटिंग सुविधाएं कई जगह पर्याप्त नहीं
इन परिस्थितियों में प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्कूली गतिविधियों को रोकना ही बेहतर समझा।