80 साल के बुजुर्ग को सोशल मीडिया पर प्यार का झांसा, 9 करोड़ की ठगी का हुआ शिकार, चौंका देगा ये साइबर फ्रॉड

Edited By Updated: 08 Aug, 2025 10:20 PM

80 year old man fell prey to love on social media and was duped of rs 9 crore

महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग ऑनलाइन प्यार की तलाश में इस कदर ठगे गए कि उन्होंने अपनी पूरी जीवनभर की जमा-पूंजी गवां दी। फेसबुक पर एक महिला से शुरू हुई बातचीत धीरे-धीरे एक संगठित साइबर ठगी में तब्दील हो गई, जिसमें चार...

मुंबईः महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग ऑनलाइन प्यार की तलाश में इस कदर ठगे गए कि उन्होंने अपनी पूरी जीवनभर की जमा-पूंजी गवां दी। फेसबुक पर एक महिला से शुरू हुई बातचीत धीरे-धीरे एक संगठित साइबर ठगी में तब्दील हो गई, जिसमें चार अलग-अलग नामों से महिलाओं ने बुजुर्ग को भावनात्मक, कामुक और भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल कर लगभग 8.7 करोड़ रुपये ठग लिए।

इस धोखाधड़ी का शिकार हुए बुजुर्ग ने हाल ही में साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत की, जिसके आधार पर 6 अगस्त 2025 को आधिकारिक एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि यह पूरा मामला एक ही व्यक्ति/गिरोह द्वारा रचा गया साइबर फ्रॉड है या चार अलग-अलग लोग इसमें शामिल हैं।

फेसबुक से शुरू हुई बातचीत, भरोसे में लेकर मांगी गई मदद

बुजुर्ग मुंबई में अपने बेटे और बहू के साथ रहते हैं। अप्रैल 2023 में उन्होंने फेसबुक पर ‘सारवी’ नाम की एक महिला को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। पहले तो उस महिला ने अनुरोध अस्वीकार कर दिया, लेकिन कुछ दिनों बाद खुद ही रिक्वेस्ट भेजकर बातचीत की पहल की।

बातचीत जल्द ही व्हाट्सऐप पर पहुंच गई। सारवी ने खुद को तलाकशुदा महिला और दो बच्चों की मां बताया और आर्थिक संकट में होने की बात कहकर धीरे-धीरे बुजुर्ग से पैसे की मांग शुरू कर दी। शुरुआत में बच्चों की बीमारी और दवाइयों के नाम पर पैसे मांगे गए और बुजुर्ग ने सहानुभूति में लगातार ट्रांजैक्शन करने शुरू कर दिए।

कामुक संदेश और विदेशी नंबर से भावनात्मक ब्लैकमेलिंग

कुछ समय बाद एक नई महिला, ‘कविता’, बुजुर्ग की जिंदगी में आई जिसने दावा किया कि सारवी ने उसका नंबर दिया है। कविता ने बुजुर्ग को कामुक मैसेज भेजे और यौन आकर्षण पैदा कर उन्हें और पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया। उसने भी अपने बच्चों के इलाज के बहाने कई बार मदद मांगी।

दिसंबर 2023 में बुजुर्ग को एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से व्हाट्सऐप मैसेज आने लगे। इस बार ‘डीनाज’ नाम की महिला सामने आई, जिसने खुद को सारवी की बहन बताया और दावा किया कि सारवी की मृत्यु हो चुकी है। डीनाज ने बुजुर्ग को यह कहकर भावुक किया कि सारवी चाहती थी कि मरने से पहले उसके अस्पताल के बिल बुजुर्ग चुकाएं। उसने व्हाट्सऐप चैट्स और स्क्रीनशॉट भेजकर भरोसा दिलाया और भारी रकम ठग ली।

जब बुजुर्ग ने डीनाज से पैसे लौटाने को कहा, तो उसने खुद को असहाय बताकर आत्महत्या करने की धमकी दी, जिससे बुजुर्ग मानसिक दबाव में आ गए।

एक और महिला की एंट्री, ठगी का विस्तार

जल्द ही कहानी में ‘जैस्मीन’ नाम की एक और महिला जुड़ी, जिसने खुद को डीनाज की दोस्त बताया और बुजुर्ग से आर्थिक मदद मांगी। बुजुर्ग ने उसे भी पैसे दे दिए।

पुलिस जांच में सामने आया है कि अप्रैल 2023 से जनवरी 2025 के बीच बुजुर्ग ने कुल 734 बार अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर किए, जिनकी कुल राशि ₹8.7 करोड़ थी।

जब बुजुर्ग की बचत समाप्त हो गई, तो उन्होंने अपनी बहू से ₹2 लाख रुपये उधार लिए, और फिर अपने बेटे से ₹5 लाख मांगे। बेटे को शक हुआ और पूछताछ करने पर बुजुर्ग ने पूरा सच बयां किया। बेटे ने उन्हें बताया कि वे एक साइबर फ्रॉड का शिकार हुए हैं।

मानसिक आघात के बाद अस्पताल में भर्ती, डिमेंशिया की पुष्टि

इस खुलासे के बाद बुजुर्ग को गहरा सदमा लगा और उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि वे डिमेंशिया (Dementia) से पीड़ित हैं — यह एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति की याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है।

FIR दर्ज, पुलिस जांच में जुटी; एक ही मास्टरमाइंड का संदेह

बुजुर्ग ने आखिरकार 22 जुलाई 2025 को साइबर क्राइम हेल्पलाइन ‘1930’ पर संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद 6 अगस्त को सेंट्रल साइबर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज हुई।

पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि ये चारों नाम — सारवी, कविता, डीनाज और जैस्मीन — वास्तव में अलग-अलग लोग थे या सिर्फ एक ही व्यक्ति या गिरोह की चार अलग पहचानें थीं।

जांच में बैंक अकाउंट्स, ट्रांजैक्शन डेटा, व्हाट्सऐप चैट्स, सोशल मीडिया प्रोफाइल्स, और IP एड्रेस की फॉरेंसिक जांच की जा रही है। साइबर सेल को शक है कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी रैकेट से जुड़ा हो सकता है, जिसमें भारत के बाहर से भी ऑपरेशन चलाए गए हों।

वरिष्ठ नागरिकों और सोशल मीडिया यूज़र्स के लिए चेतावनी

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ता भरोसा कैसे भावनात्मक शोषण और साइबर अपराध का ज़रिया बन सकता है, खासकर जब निशाना उम्रदराज, अकेले या भावनात्मक रूप से असहाय लोग हों।
 

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