केसर घाटी, मचैल माता मंदिर…जन्नत से खूबसूरत किश्तवाड़ में दिखा तबाही का मंजर; अब तक 44 की मौत

Edited By Updated: 15 Aug, 2025 12:20 AM

a scene of devastation was seen in kishtwar which is more beautiful than heaven

जम्मू-कश्मीर का किश्तवाड़ जिला जहां एक ओर अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वादियों और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, वहीं 14 अगस्त 2025 को यहां प्रकृति ने भीषण कहर बरपाया। चशोती गांव, जो किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित है, वहां बादल...

नेशनल डेस्कः जम्मू-कश्मीर का किश्तवाड़ जिला जहां एक ओर अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वादियों और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, वहीं 14 अगस्त 2025 को यहां प्रकृति ने भीषण कहर बरपाया। चशोती गांव, जो किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित है, वहां बादल फटने (Cloudburst) की घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया।

आपदा की भयावह तस्वीर

गुरुवार दोपहर हुई इस आपदा में तेज बारिश और अचानक आई जलप्रलय ने कई घरों, दुकानों और गाड़ियों को बहा दिया। अब तक की जानकारी के अनुसार:

प्रशासन और NDRF की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं, लेकिन दुर्गम इलाका और लगातार बारिश कार्य को मुश्किल बना रहे हैं।

जन्नत जैसा खूबसूरत है किश्तवाड़

किश्तवाड़ को यूं ही "छोटा स्वर्ग" नहीं कहा जाता। यह जिला अपनी बर्फ से ढकी चोटियों, हरी-भरी वादियों, नदियों, और आध्यात्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। यहां हर साल हजारों पर्यटक और श्रद्धालु पहुंचते हैं। आइए किश्तवाड़ की कुछ खास जगहों को करीब से जानें:

1. सिंथन टॉप (Sinthan Top)

किश्तवाड़ और अनंतनाग को जोड़ने वाला यह खूबसूरत दर्रा 2,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह जगह अपने हरे-भरे घास के मैदान, ठंडी जलवायु, और एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसे पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग और रॉक क्लाइम्बिंग के लिए मशहूर है।

2. केसर घाटी (Kesar Valley)

यह घाटी भारत की सबसे बेहतरीन केसर (saffron) के लिए प्रसिद्ध है। यहां की केसर की खुशबू और गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराही जाती है। यहाँ की खेती का बड़ा हिस्सा देश और विदेशों में एक्सपोर्ट किया जाता है।

3. मचैल घाटी और मचैल माता मंदिर

मचैल घाटी अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और घने जंगलों के लिए जानी जाती है। यहीं स्थित है मचैल माता का मंदिर, जो पद्दार घाटी में बर्फीले पहाड़ों के बीच स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। हर साल यहां हजारों श्रद्धालु "मचैल यात्रा" के तहत दर्शन करने आते हैं।

4. किश्तवाड़ राष्ट्रीय उद्यान (Kishtwar National Park)

ये पार्क वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। यहां हिमालयी भालू, कस्तूरी मृग, मोनाल पक्षी और तेंदुए जैसे दुर्लभ प्रजातियों को देखा जा सकता है। यह पार्क विविध जैवविविधता और शोध के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है।

5. चौगान मैदान

किश्तवाड़ शहर के बीचों-बीच स्थित यह खुला मैदान न केवल स्थानीय लोगों के लिए शांति और सुकून की जगह है, बल्कि यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेलों का भी आयोजन होता है।

पर्यटन और सुरक्षा की दोहरी चुनौती

किश्तवाड़, जहां एक ओर अपने अद्भुत प्राकृतिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, वहीं यह इलाका भूस्खलन, बादल फटना और अचानक बाढ़ जैसी आपदाओं की दृष्टि से भी संवेदनशील है। बीते कुछ वर्षों में इस इलाके में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव साफ देखने को मिले हैं।

सरकार और पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, अनियंत्रित निर्माण, वृक्षों की कटाई, और तेजी से बदलते मौसम पैटर्न ऐसी आपदाओं के पीछे अहम कारण बनते जा रहे हैं। आने वाले समय में टिकाऊ पर्यटन, स्थानीय समुदायों की सुरक्षा, और जलवायु अनुकूल विकास पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

आपदा राहत कार्य जारी

सरकारी एजेंसियां, राहत संगठन और सेना मिलकर लापता लोगों की तलाश, घायलों की मदद और पुनर्वास में जुटी हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा और घायलों को बेहतर इलाज देने का वादा किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

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