48 दिन बाद मौत से हारी गुलिस्ता, ये थे आखिरी शब्द

Edited By Updated: 08 May, 2017 03:55 PM

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तेजाब हमले की पीड़िता गुलिस्ता (19) आखिरकार 48 दिनों की जद्दोजहद के बाद मौत से जंग हार गई। रविवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे गुलिस्ता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी की आखिरी सांस ली।

गाजियाबाद: तेजाब हमले की पीड़िता गुलिस्ता (19) आखिरकार 48 दिनों की जद्दोजहद के बाद मौत से जंग हार गई। रविवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे गुलिस्ता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी की आखिरी सांस ली। इसके साथ ही गुलिस्ता की अस्पताल से ठीक होकर घर पहुंचने की ख्वाहिश अधूरी रह गई। 

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गुलिस्ता को कर दिया गया सुपुर्द-ए-खाक 
गुलिस्ता की मौत के बाद परिवार के लोग दोपहर के वक्त उसके शव को गाजियाबाद लेकर पहुंचे, जहां उसके जनाजे में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा व उसे सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। गुलिस्ता की मौत के बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। आसपास के लोग पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाने का प्रयास करते रहे। 

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अंतिम बातचीत में घर पहुंचने की जताई इच्छा
गुलिस्ता के भाई जाहिद ने बताया कि रविवार सुबह भी जब गुलिस्ता से परिवार ने अंतिम बार बात की तो उसने पहले घर पहुंचने की इच्छा जताई। जाहिद का कहना है कि गुलिस्ता घर पहुंच कर परिजनों से मिलना चाहती थी। उसका आखिरी सवाल था- मां, मेरे गुनहगार अरेस्ट हुए या नहीं? जब परिवार ने उसे आरोपियों की गिरफ्तारी न होने के बारे में बताया तो वह चुप हो गई व कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। परिवार के लोगों ने शासन और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस घटना के बाद सिर्फ  एक बार एडीएम सिटी उनके घर आई थीं। वहीं छोटी-छोटी घटनाओं पर मौके पर जाने वाले नेता एक बार भी गुलिस्ता से मिलने के लिए अस्पताल नहीं पहुंचे। 

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गुलिस्ता के पिता ने बताया कि प्रशासन की तरफ  से हमें लक्ष्मीबाई योजना के तहत 5 लाख रुपए मिले थे, लेकिन न कोई अधिकारी और न ही कोई मंत्री उनकी बेटी से मिलने के लिए आया। उन्होंने बताया कि इसके अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाले एक लाख रुपए भी सिर्फ  कागजों तक सीमित रह गए। गुलिस्ता के पिता ने भावुक होकर कहा कि हमें रुपए से ज्यादा सरकार और प्रशासन के सहयोग की जरूरत थी, जो गुलिस्ता की मौत तक हमें नहीं मिला।

मरते दम तक साथ रहा मंगेतर 
परिवार से मिली जानकारी के अनुसार हमले से पहले ही गुलिस्ता की खुर्जा निवासी दानिश से शादी तय कर दी गई थी। दोनों की सगाई भी हो चुकी थी और जल्द ही उनका निकाह होना था। दानिश ने बताया कि उसे अंदाजा नहीं था कि उसकी जिंदगी इस कदर बदल जाएगी। गुलिस्ता के आखिरी समय में भी दानिश उसके साथ रहा। दानिश का कहना है कि उसने उपचार के दौरान भी गुलिस्ता को निकाह करने का भरोसा दिया था। इस मामले मेंं पुलिस ने 5 अप्रैल को आरोपी शाहरुख को अस्पताल से उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब वह गुलिस्ता को देखने के लिए सफदरजंग पहुंचा था। हालांकि, इस वारदात के दो आरोपी भी अब भी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के बारे में गुलिस्ता पूछते-पूछते दुनिया से अलविदा हो गई और उसके परिजन आज भी पुलिस से आरोपियों के बारे में जानना चाहते हैं, लेकिन पुलिस के पास फरार आरोपियों के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। परिवार ने आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।


क्या था मामला
बता दें कि कैला भट्टा में रहने वाली गुलिस्ता पर 20 मार्च की रात को शाहरुख नाम के सिरफिरे आशिक ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर उस वक्त तेजाब से हमला कर दिया था जब गुलिस्ता घर के आंगन में सोई हुई थी। इस मामले में परिजनों ने अज्ञात के खिलाफ नगर कोतवाली में केस दर्ज कराया था। 

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