2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देना चाहिए या नहीं, AIIMS के डॉक्टर ने बताई वजह

Edited By Updated: 05 Oct, 2025 06:01 PM

aiims doctor explains why children under 2 years of age should be given cough

मौसम बदलते ही बच्चों में खांसी-जुकाम आम हो जाता है। ठंडी हवाएं, नमी या तापमान में अचानक गिरावट के कारण वायरस और बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं, जिससे बच्चों की इम्यूनिटी प्रभावित होती है। कई माता-पिता इस दौरान बच्चों को तुरंत कफ सिरप देना शुरू कर...

नेशनल डेस्क: मौसम बदलते ही बच्चों में खांसी-जुकाम आम हो जाता है। ठंडी हवाएं, नमी या तापमान में अचानक गिरावट के कारण वायरस और बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं, जिससे बच्चों की इम्यूनिटी प्रभावित होती है। कई माता-पिता इस दौरान बच्चों को तुरंत कफ सिरप देना शुरू कर देते हैं। लेकिन क्या यह सही है? इस पर दिल्ली एम्स के पीडियाट्रिक विभाग के डॉ. हिमांशु बदानी और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा के डॉ. प्रशांत गुप्ता ने सलाह दी है।

2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप खतरनाक
डॉ. हिमांशु बताते हैं कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देना न केवल अनावश्यक है, बल्कि खतरनाक भी हो सकता है। छोटे बच्चों का शरीर इन दवाओं को सही तरीके से मेटाबॉलाइज नहीं कर पाता, जिससे सुस्ती, उल्टी या सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं। WHO और FDA भी इस उम्र के बच्चों को कफ सिरप देने से पूरी तरह मना करते हैं।

5 साल से कम उम्र के बच्चों में डॉक्टर की सलाह जरूरी
5 साल से कम उम्र के बच्चों को सिरप सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही देना चाहिए। 5 साल से बड़े बच्चों में भी सिरप खुद से नहीं देना चाहिए। डॉ. हिमांशु कहते हैं कि सिरप खांसी की जड़ को नहीं रोकता, केवल अस्थायी आराम देता है। इसलिए सबसे पहले खांसी का कारण समझना और फिर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

आयुर्वेद में बच्चों के लिए सुरक्षित विकल्प
डॉ. प्रशांत गुप्ता के अनुसार आयुर्वेदिक इलाज में छोटे बच्चों को सिरप की जगह भाप और सितोप्रलादी चूर्ण दिया जाता है। यह न केवल कफ से राहत देता है बल्कि बच्चों के स्वाद में भी अच्छा लगता है।

कफ की पहचान कैसे करें?
कई बार बच्चे को बलगम तो होता है, लेकिन वह खांसी नहीं कर पाता। इसके लक्षणों में शामिल हैं:
➤ नाक का लगातार जाम रहना
➤ सांस लेने पर घरघराहट या सीटी जैसी आवाज
➤ नींद में बेचैनी
➤ भूख कम लगना
➤ बार-बार गला साफ करना
छोटे बच्चे खांसी से बलगम नहीं निकाल पाते और उल्टी या बेचैनी दिख सकती है। कभी-कभी नाक से पारदर्शी म्यूकस गले में जाकर कफ बना देता है।


बलगम का रंग गंभीरता बता सकता है
बलगम का रंग बीमारी की प्रकृति के बारे में जानकारी देता है:
➤ पारदर्शी या हल्का सफेद: आम वायरल संक्रमण या हल्की सर्दी
➤ पीला या हल्का हरा: शरीर संक्रमण से लड़ रहा, बैक्टीरियल इंफेक्शन की संभावना
➤ गाढ़ा हरा, पीला या बदबूदार: साइनस या चेस्ट इंफेक्शन, नजरअंदाज न करें
➤ खून की हल्की लकीर: तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

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