ट्रंप को अमेरिकी एजेंसी का ही जवाब, 50% टैरिफ से भारत का कुछ नहीं बिगड़ेगा!

Edited By Updated: 25 Aug, 2025 11:15 PM

american rating agency fitch gives green signal to india s growth

वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने भारत की आर्थिक वृद्धि और वित्तीय स्थिति की पुष्टि करते हुए उसकी साख रेटिंग को ‘BBB-’ पर स्थिर बनाए रखा है। साथ ही फिच ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था अगले कुछ वर्षों में मजबूती के साथ बढ़ेगी और अमेरिका...

नेशनल डेस्कः वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने भारत की आर्थिक वृद्धि और वित्तीय स्थिति की पुष्टि करते हुए उसकी साख रेटिंग को ‘BBB-’ पर स्थिर बनाए रखा है। साथ ही फिच ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था अगले कुछ वर्षों में मजबूती के साथ बढ़ेगी और अमेरिका द्वारा प्रस्तावित 50% टैरिफ (आयात शुल्क) का भारतीय जीडीपी पर केवल मामूली नकारात्मक असर हो सकता है।

भारत की आर्थिक वृद्धि और वित्तीय स्थिति मजबूत

फिच ने भारत की वृद्धि दर को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए लगभग 6.5 प्रतिशत आंका है, जो कि वैश्विक स्तर पर अच्छे प्रदर्शन को दर्शाता है। एजेंसी ने कहा कि भारत की वित्तीय स्थिति, विशेषकर बाहरी मोर्चे (जैसे विदेशी मुद्रा भंडार, निर्यात, आयात संतुलन), मजबूत बनी हुई है। फिच के मुताबिक, भारत की यह स्थिर रेटिंग उसकी अर्थव्यवस्था की निरंतर मजबूती और बढ़ते निवेश आकर्षण को दर्शाती है।

जीएसटी सुधारों से बढ़ेगा उपभोग, कम होंगे जोखिम

फिच ने यह भी कहा कि यदि भारत सरकार के प्रस्तावित माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार लागू हो जाते हैं, तो इससे घरेलू उपभोग बढ़ेगा और आर्थिक वृद्धि से जुड़े जोखिम भी कम हो जाएंगे।

सरकार ने जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए मंत्रिसमूह के समक्ष कई प्रस्ताव रखे हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • ‘योग्यता’ और ‘मानक’ वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए 5% और 18% की द्वि-स्तरीय कर प्रणाली

  • कुछ वस्तुओं पर 40% तक की दर (5 से 7 वस्तुओं के लिए)

  • मौजूदा 12% और 28% की कर दर स्लैब को समाप्त करना

इन सुधारों से कर प्रणाली सरल होगी और व्यापार एवं उपभोग को बढ़ावा मिलेगा।

वैश्विक रेटिंग एजेंसियों का भारत पर विश्वास

फिच से पहले, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भी अगस्त 2025 में भारत की साख रेटिंग को ‘BBB-’ से एक पायदान ऊपर ‘BBB’ किया है। यह कदम पिछले 18 वर्षों में पहली बार भारत की रेटिंग बढ़ाने के रूप में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसी तरह, मॉर्निंग डीबीआरएस ने मई 2025 में भारत की रेटिंग को ‘BBB’ पर अपग्रेड किया था और इस वर्ष की वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान लगाया था। इन रेटिंग्स से यह संकेत मिलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था अपने क्षेत्रीय और वैश्विक समकक्षों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही है, भले ही हाल के दो वर्षों में वृद्धि की गति धीमी हुई हो।

 टैरिफ का भारत की अर्थव्यवस्था पर सीमित असर

फिच रेटिंग्स ने माना है कि अमेरिका द्वारा भारत पर प्रस्तावित 50% आयात शुल्क का असर भारतीय जीडीपी की वृद्धि पर केवल मामूली होगा। भारत की अर्थव्यवस्था के मजबूत पहलुओं के कारण यह झटका अधिक गंभीर नहीं होगा। आर्थिक विशेषज्ञ भी मानते हैं कि भारत की विविध और मजबूत घरेलू मांग, निर्यात क्षमता और निवेश आकर्षण के चलते ऐसे टैरिफ के प्रभाव सीमित रहेंगे।

राजकोषीय घाटे और कर्ज पर चिंता

हालांकि, फिच ने भारत के राजकोषीय घाटे और कर्ज स्तर को लेकर कुछ चिंता जताई है। ‘BBB’ श्रेणी के देशों के मुकाबले भारत का सार्वजनिक कर्ज और घाटा थोड़ा अधिक है। सरकार को इस दिशा में सतर्कता बरतने की जरूरत है ताकि आर्थिक स्थिरता बनी रहे।

मध्यम अवधि में भारत की संभावनाएं

फिच ने मध्यम अवधि में भारत की 6.4 प्रतिशत की वृद्धि क्षमता का अनुमान लगाया है, जो कि मजबूत सार्वजनिक निवेश, निजी क्षेत्र में निवेश के बढ़ने और अनुकूल जनसांख्यिकी पर आधारित है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जीएसटी सुधार लागू हो जाते हैं और सरकार राजकोषीय सुधारों पर ध्यान देती है, तो भारत की अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में तेजी से आगे बढ़ सकती है।

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