Edited By Rohini Oberoi,Updated: 20 Jul, 2025 04:25 PM

फरीदाबाद से एक बेहद अजीबोगरीब और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां सेक्टर-8 में आध्यात्मिक उपचार का व्यवसाय चलाने वाले एक स्वयंभू ज्योतिषी को प्रतिबंधित वन्यजीव अंगों को बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इन अंगों में सूखे मॉनिटर छिपकली के...
नेशनल डेस्क। फरीदाबाद से एक बेहद अजीबोगरीब और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां सेक्टर-8 में आध्यात्मिक उपचार का व्यवसाय चलाने वाले एक स्वयंभू ज्योतिषी को प्रतिबंधित वन्यजीव अंगों को बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इन अंगों में सूखे मॉनिटर छिपकली के जननांग प्राइवेट पार्ट और नरम मूंगा शामिल हैं जिनका कथित तौर पर गुप्त और तांत्रिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता था। आरोपी की पहचान 38 वर्षीय यज्ञ दत्त के रूप में हुई है।
संयुक्त छापेमारी में पकड़ा गया आरोपी
यज्ञ दत्त को हरियाणा वन विभाग, हरियाणा पुलिस, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो और भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट की एक संयुक्त छापेमारी के दौरान रंगे हाथों पकड़ा गया। यह पता चला है कि यज्ञ अपने ज्योतिष कार्यालय और विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से इन प्रतिबंधित वस्तुओं को बेचता था। रिपोर्ट के मुताबिक टीम ने उसके पास से मॉनिटर छिपकलियों के जननांगों के तीन टुकड़े और सॉफ्ट कोरल (नरम मूंगा) के 5 टुकड़े बरामद किए हैं।
यह भी पढ़ें: जानिए क्या Unmarried Couples के लिए Hotel में चेक-इन से पहले जरूरी है दोनों के ID प्रूफ?
10,000 रुपये का जुर्माना और 7 साल तक की जेल का प्रावधान
यह जानना महत्वपूर्ण है कि मॉनिटर लिजर्ड (छिपकली) वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची I के अंतर्गत सूचीबद्ध है। इसका मतलब है कि इस प्रजाति को बचाने के लिए देश में उच्चतम कानूनी सुरक्षा प्रदान की गई है। देश में मॉनिटर लिजर्ड के शरीर के अंगों को रखना या उनका व्यापार करना एक दंडनीय अपराध है। दोषी पाए जाने पर आरोपी को तीन से सात साल तक की जेल हो सकती है और साथ ही अदालत 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगा सकती है।

आगे की जांच जारी
गुरुग्राम के प्रभागीय वन अधिकारी आर.के जांगड़ा ने कहा कि यह घटना कड़ी निगरानी की ज़रूरत को बताती है। बेचने वालों और खरीदारों की पहचान के लिए आगे की जांच जारी है ताकि इस अवैध व्यापार के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके। यह मामला वन्यजीव अपराधों के प्रति बढ़ती चिंता और उन्हें रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करता है।