Edited By Rohini Oberoi,Updated: 06 Dec, 2025 12:01 PM

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। कल शाम जब उनका विमान पालम एयरपोर्ट पर उतरा तो एक अद्भुत और अनूठा नज़ारा (Unique Sight) देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपने मेहमान का स्वागत करने के...
नेशनल डेस्क। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। कल शाम जब उनका विमान पालम एयरपोर्ट पर उतरा तो एक अद्भुत और अनूठा नज़ारा (Unique Sight) देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपने मेहमान का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे और दोनों नेता गर्मजोशी से गले मिलने के बाद एक ही गाड़ी में बैठकर पीएम आवास की ओर रवाना हुए।
सबकी निगाहें फॉर्च्यूनर पर
इस हाई-प्रोफाइल मुलाकात में सबसे ज़्यादा चर्चा उस गाड़ी की हुई जिसमें ये दो कद्दावर नेता सवार हुए। यह न तो पीएम मोदी की बुलेटप्रूफ मर्सिडीज-मेबक S650 थी और न ही पुतिन की अभेद्य लिमोजिन 'ऑरस सीनेट' (Aurus Senat)। दोनों नेताओं ने सफेद रंग की टोयोटा फॉर्च्यूनर (Toyota Fortuner) में सफर किया जिसने सभी को चौंका दिया और सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां (Headlines) बटोरीं। लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा कि आखिर इतनी हाई-सिक्योरिटी के बीच एक आम दिखने वाली एसयूवी का इस्तेमाल क्यों किया गया।

नंबर प्लेट ने खोला राज़
जिस फॉर्च्यूनर कार (MH01EN5795) में पीएम मोदी ने पुतिन को रिसीव किया उसके रजिस्ट्रेशन (Registration) की पड़ताल की गई तो कुछ चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं:
| विवरण |
जानकारी |
| रजिस्ट्रेशन ज़ोन |
महाराष्ट्र आरटीओ (MH01 - मुंबई सेंट्रल) |
| रजिस्ट्रेशन की तारीख |
इसी साल 24 अप्रैल 2024 |
| ईंधन का प्रकार |
डीजल इंजन वाली कार |

वीआईपी कार का असली मालिक कौन?
आरटीओ के सार्वजनिक डेटा में मालिक का नाम पूरी तरह स्पष्ट नहीं दिखाई देता। सुरक्षा कारणों से कई वीवीआईपी (VVIP) वाहनों की जानकारी गोपनीय (Confidential) रखी जाती है। उपलब्ध ऑनलाइन पैटर्न के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह गाड़ी मुंबई पुलिस के हाई-सिक्योरिटी बेड़े का हिस्सा हो सकती है और संभवतः किसी वरिष्ठ अधिकारी के पदनाम पर रजिस्टर्ड है। एसपीजी (SPG) और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अक्सर राज्यों की पुलिस से विशेष या आर्मर्ड वाहन लेती हैं। ऐसे मामलों में मालिक का नाम सार्वजनिक न होना सामान्य प्रक्रिया है। पीएम मोदी का अपनी आधिकारिक कार के बजाय इस गैर-आधिकारिक कार का इस्तेमाल करना दोनों वैश्विक नेताओं के बीच की गहरी और सहज दोस्ती तथा साहसिक सुरक्षा प्रोटोकॉल को दर्शाता है।