Edited By Anu Malhotra,Updated: 12 Aug, 2025 11:08 AM

दुनिया की मशहूर भविष्यवक्ता बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां अक्सर सुर्खियों में रहती हैं, जिनमें से कई पहले भी हकीकत में बदल चुकी हैं। उन्हें "बाल्कन का नॉस्ट्राडैमस" कहा जाता है, क्योंकि उनके कई अनुमान वैश्विक स्तर पर हुए बड़े बदलावों से मेल खाते आए...
नेशनल डेस्क: दुनिया की मशहूर भविष्यवक्ता बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां अक्सर सुर्खियों में रहती हैं, जिनमें से कई पहले भी हकीकत में बदल चुकी हैं। उन्हें "बाल्कन का नॉस्ट्राडैमस" कहा जाता है, क्योंकि उनके कई अनुमान वैश्विक स्तर पर हुए बड़े बदलावों से मेल खाते आए हैं। अब उनकी एक नई भविष्यवाणी ने फिर से लोगों के मन में चिंता और आशंका जगा दी है।
अगस्त 2025: आग का दिन?
बाबा वेंगा ने सालों पहले अगस्त 2025 को लेकर एक भयावह घटना की भविष्यवाणी की थी। उनका कहना था कि इस महीने धरती और आकाश दोनों तरफ से आग बरसेगी। यह अटपटी बात कई तरह से समझी जा रही है - कुछ लोग इसे जंगलों में लगी बड़ी आग से जोड़ रहे हैं, तो कुछ विशेषज्ञ इसे ज्वालामुखी विस्फोट की चेतावनी मान रहे हैं।
आकाश से आग बरसने का रहस्य
जब बाबा वेंगा ने आकाश से आग बरसने की बात कही, तो इसका मतलब कहीं बड़ा खगोलीय खतरा भी हो सकता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि यदि कोई विशाल उल्कापिंड या क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराता है तो यह विनाशकारी होगा। इसके अलावा, सौर तूफान जैसी खगोलीय घटनाएं भी पृथ्वी के तकनीकी सिस्टम और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं।
प्राकृतिक आपदा
हाल ही में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में अचानक बादल फटने की घटना और हरिद्वार के मनसा देवी क्षेत्र में पहाड़ गिरने की खबरों ने इस भविष्यवाणी को और सजीव बना दिया है। ये घटनाएं कई लोगों को बाबा वेंगा की भविष्यवाणी की पुष्टि लग रही हैं, हालांकि वैज्ञानिक इसका अलग कारण बता रहे हैं।
आर्थिक संकट की आशंका
बाबा वेंगा ने न केवल प्राकृतिक आपदाओं बल्कि आर्थिक स्थिति को लेकर भी भविष्यवाणी की थी। उन्होंने 2025 में वैश्विक आर्थिक मंदी की चेतावनी दी थी, जो कई विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिकी टैरिफ नीतियों और विश्वव्यापी व्यापार तनावों के कारण सच होती दिखाई दे रही है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ प्लान को इस मंदी का एक बड़ा कारण माना जा रहा है।
बाबा वेंगा की राजनीतिक बदलाव काफी हद तक सच साबित
बीते दशकों में बाबा वेंगा की कई भविष्यवाणियां जैसे युद्ध, प्राकृतिक आपदाएं और राजनीतिक बदलाव काफी हद तक सच साबित हुए हैं। यही कारण है कि उनके अनुमान सुनने वालों की संख्या में कमी नहीं आ रही। हालांकि, उनकी भविष्यवाणियों को लेकर हमेशा वैज्ञानिक और आलोचनात्मक दृष्टिकोण भी बरता जाता है।