Bank Rule: बैंक खाते में पैसे नहीं छोड़े तो लगेगा जुर्माना, इन बैंकों के नियमों को जानकर हो जाएं सावधान

Edited By Updated: 10 Aug, 2025 11:49 AM

banks hike minimum balance limits customers face higher penalties

आजकल अगर आपके खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं है, तो बैंक बिना बताये आपके अकाउंट से पैसे काट सकता है। ICICI बैंक ने हाल ही में अपने सेविंग्स अकाउंट के मिनिमम बैलेंस की लिमिट में भारी बदलाव किया है। इसके बाद से यह चर्चा तेज हो गई है कि देश के दूसरे...

नेशनल डेस्क: आजकल अगर आपके खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं है, तो बैंक बिना बताये आपके अकाउंट से पैसे काट सकता है। ICICI बैंक ने हाल ही में अपने सेविंग्स अकाउंट के मिनिमम बैलेंस की लिमिट में भारी बदलाव किया है। इसके बाद से यह चर्चा तेज हो गई है कि देश के दूसरे बैंक इस मामले में क्या नियम अपना रहे हैं।

ICICI बैंक ने 5 गुना बढ़ाया मिनिमम बैलेंस

ICICI बैंक ने हाल ही में अपने ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस की लिमिट में बड़ा बदलाव किया है, जिससे अब खाताधारकों पर ज्यादा वित्तीय बोझ पड़ेगा। बैंक ने शहरी क्षेत्रों (अर्बन एरिया) के लिए मिनिमम बैलेंस की सीमा को पहले के 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है। वहीं, सेमी अर्बन क्षेत्रों में यह लिमिट 5,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी गई है। ग्रामीण इलाकों (रूरल एरिया) में भी पहले जहां 2,500 रुपये रखने होते थे, अब वहां 10,000 रुपये का मिनिमम बैलेंस अनिवार्य कर दिया गया है। अगर ग्राहक तय की गई यह राशि खाते में नहीं रखते हैं, तो उन्हें पेनल्टी चुकानी पड़ेगी। ग्रामीण शाखाओं में यह पेनल्टी मिनिमम बैलेंस की राशि का 5 प्रतिशत होगी, जबकि शहरी और सेमी अर्बन क्षेत्रों में 100 रुपये फिक्स शुल्क के साथ 5 प्रतिशत अतिरिक्त चार्ज भी लिया जाएगा।

HDFC बैंक: अभी भी रखता है सख्त नियम

HDFC बैंक, जो भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है, अपने ग्राहकों से सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस बनाए रखने की शर्त रखता है। मेट्रो सिटीज और शहरी शाखाओं में ग्राहकों को अपने खाते में कम से कम ₹10,000 का बैलेंस बनाए रखना होता है। सेमी अर्बन क्षेत्रों की शाखाओं में यह सीमा ₹5,000 है, जबकि ग्रामीण शाखाओं में केवल ₹2,500 का मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है। यदि कोई ग्राहक निर्धारित राशि से कम बैलेंस रखता है, तो बैंक अधिकतम ₹600 तक की पेनल्टी वसूल सकता है, जो खाता धारक की जेब पर सीधा असर डाल सकती है।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया: चेक बुक से जुड़ी शर्तें

Union Bank of India में मिनिमम बैलेंस से जुड़े नियम अन्य बैंकों की तुलना में थोड़े अलग हैं और यह इस बात पर निर्भर करते हैं कि ग्राहक ने चेक बुक ली है या नहीं। शहरी क्षेत्रों में अगर ग्राहक ने चेक बुक ली है तो उन्हें खाते में कम से कम ₹1,000 का बैलेंस बनाए रखना होता है, जबकि बिना चेक बुक वाले खातों के लिए यह लिमिट ₹500 है। सेमी अर्बन शाखाओं में चेक बुक के साथ ₹500 और बिना चेक बुक के ₹250 का मिनिमम बैलेंस अनिवार्य है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में यह सीमा और कम है—चेक बुक के साथ ₹250 और बिना चेक बुक के केवल ₹100 का बैलेंस रखना जरूरी होता है। इस तरह Union Bank ग्राहकों को उनके खाते की सुविधाओं के अनुसार लचीलापन देता है।

एक्सिस बैंक: सबसे ज्यादा मिनिमम बैलेंस

Axis Bank ने अपने ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस की सबसे सख्त शर्तें तय की हैं। बैंक की शहरी शाखाओं में सेविंग्स अकाउंट होल्डर्स को ₹12,000 का न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य है, जो अन्य बैंकों की तुलना में काफी अधिक है। सेमी अर्बन क्षेत्रों में यह सीमा ₹5,000 और ग्रामीण शाखाओं में ₹2,500 निर्धारित की गई है। यदि ग्राहक इस तय बैलेंस को बनाए नहीं रखते तो बैंक की ओर से पेनल्टी लगाई जा सकती है, जिससे खाता धारकों की जेब पर सीधा असर पड़ता है।

SBI में राहत: नहीं है कोई पेनल्टी

अगर आप SBI के ग्राहक हैं, तो आपके लिए राहत की बात है। 2020 में ही SBI ने मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाली पेनल्टी को हटा दिया था। यानी अब आप खाते में न्यूनतम रकम न रखने पर भी किसी तरह का जुर्माना नहीं भरते।

बैंक के ये नियम आपकी सीधी जेब पर असर डालते हैं। अगर आपने अकाउंट खोलते समय इन शर्तों को ठीक से नहीं पढ़ा, तो हर महीने बिना जानकारी के पैसे कट सकते हैं। यही कारण है कि यह जानना जरूरी हो जाता है कि आप जिस बैंक में खाता चला रहे हैं, वहां मिनिमम बैलेंस की शर्तें क्या हैं और न मानने पर क्या-क्या चार्ज लग सकता है।

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