Edited By Anu Malhotra,Updated: 29 Jul, 2025 12:25 PM

बरेली छावनी परिषद में कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे ही दिन डॉ. तनु जैन ने कार्यशैली में स्पष्ट संकेत दे दिया – परिवर्तन सिर्फ कार्यालयों में बैठकर नहीं, ज़मीन पर उतरकर ही आता है।
नेशनल डेस्क: बरेली छावनी परिषद में कार्यभार संभालने के महज दूसरे दिन ही डॉ. तनु जैन ने अपने एक्शन मोड में आने के संकेत दे दिए हैं। उन्होंने मंगलवार सुबह शहर के ट्रेंचिंग ग्राउंड का औचक निरीक्षण किया और वर्षों से जमा कचरे की स्थिति का जायज़ा लिया। यह वही कचरा है, जिसे ‘लेगेसी वेस्ट’ कहा जाता है और जो लंबे समय से पर्यावरण और स्वच्छता व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
निरीक्षण के दौरान डॉ. जैन ने कचरे के ढेर, जैविक अपशिष्ट प्रबंधन, कंपोस्टिंग प्रक्रिया और कचरा निस्तारण की मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा की। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि अब कचरे के वैज्ञानिक ढंग से निस्तारण, स्रोत पर कचरा पृथक्करण और जन-जागरूकता को प्राथमिकता दी जाए। डॉ. जैन ने निरीक्षण के दौरान दो टूक कहा, "स्वच्छता केवल दिखावे का विषय नहीं है, यह जीवन और पर्यावरण की गरिमा से जुड़ा प्रश्न है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सिर्फ कागज़ों पर योजनाएं बनाने से बदलाव नहीं आता, इसके लिए अधिकारियों को ज़मीनी हकीकत से जुड़ना होगा।
डॉ. तनु जैन ने निर्देशित किया कि:
-लेगेसी वेस्ट का निस्तारण जल्द से जल्द किया जाए।
-स्रोत स्तर पर कचरा पृथक्करण (source segregation) को सख्ती से लागू किया जाए।
-जनजागरूकता अभियान शुरू किए जाएं, ताकि आम लोग भी स्वच्छता अभियान से जुड़ सकें। उन्होंने अपने दौरे को केवल निरीक्षण भर न मानते हुए इसे एक “संदेश” बताया और कहा – "अब दिखावे की सफाई का समय नहीं रहा, ज़मीन पर ठोस कार्य करने का युग है।"