Edited By Rahul Rana,Updated: 14 Aug, 2025 09:03 PM

डिजिटल भुगतान प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI नियमों में एक अहम संशोधन की घोषणा की है। 1 अक्टूबर 2025 से यूपीआई ऐप्स पर पीयर-टू-पीयर (P2P) कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर को बंद कर दिया जाएगा। यह कदम...
नेशनल डेस्कः डिजिटल भुगतान प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI नियमों में एक अहम संशोधन की घोषणा की है। 1 अक्टूबर 2025 से यूपीआई ऐप्स पर पीयर-टू-पीयर (P2P) कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर को बंद कर दिया जाएगा। यह कदम तेजी से बढ़ रहे साइबर फ्रॉड और धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए उठाया गया है। बदलाव के बाद अब UPI यूजर्स केवल QR कोड या संपर्क नंबर के माध्यम से ही पेमेंट कर सकेंगे।
क्या होता है P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट?
P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर के माध्यम से कोई भी UPI उपयोगकर्ता दूसरे उपयोगकर्ता से पेमेंट की रिक्वेस्ट भेज सकता था। यदि सामने वाला व्यक्ति इस रिक्वेस्ट को स्वीकार करता, तो वह अपना UPI पिन दर्ज कर भुगतान कर देता। हाल के वर्षों में इस फीचर का दुरुपयोग तेजी से बढ़ा है। धोखेबाज नकली पहचान या फर्जी आपात स्थिति का हवाला देकर लोगों को पेमेंट रिक्वेस्ट भेजते थे, जिसे स्वीकार करने पर यूजर का खाता खाली हो जाता था।
क्यों लिया गया यह फैसला?
हालांकि इस फीचर पर ₹2,000 की सीमा निर्धारित थी, फिर भी कई मामलों में उपयोगकर्ताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इसी को देखते हुए NPCI ने यह फीचर पूरी तरह से समाप्त करने का निर्णय लिया है। अब UPI ऐप्स के माध्यम से भुगतान करने के लिए केवल QR कोड स्कैन या कॉन्टैक्ट नंबर के जरिये ट्रांसफर के विकल्प ही उपलब्ध होंगे। यह बदलाव केवल व्यक्ति-से-व्यक्ति लेनदेन पर लागू होगा। मर्चेंट प्लेटफॉर्म्स जैसे कि Flipkart, Amazon, Swiggy, IRCTC आदि पर इस बदलाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इन सेवाओं के माध्यम से यूजर्स पहले की तरह कलेक्शन रिक्वेस्ट स्वीकार कर पेमेंट कर सकेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से UPI प्लेटफॉर्म पर होने वाले धोखाधड़ी के मामलों में काफी कमी आएगी। यह कदम डिजिटल पेमेंट्स को और अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।