Edited By Rohini Oberoi,Updated: 16 Sep, 2025 10:15 AM

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी को उस समय एक बड़ा झटका लगा जब पार्टी के जिला उपाध्यक्ष गौरी शंकर अग्रहरी को एक कथित अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद पार्टी से निकाल दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष के आदेश पर प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने तत्काल...
नेशनल डेस्क। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी को उस समय एक बड़ा झटका लगा जब पार्टी के जिला उपाध्यक्ष गौरी शंकर अग्रहरी को एक कथित अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद पार्टी से निकाल दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष के आदेश पर प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने तत्काल प्रभाव से निष्कासन का आदेश जारी किया। इस कदम से जिले की राजनीति में हलचल मच गई है और विपक्ष को भी बीजेपी पर हमला करने का मौका मिल गया है।
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कथित तौर पर गौरी शंकर अग्रहरी आपत्तिजनक स्थिति में दिखाई दे रहे थे। जैसे ही यह वीडियो पार्टी के आलाकमान तक पहुंचा उन्होंने बिना किसी देरी के इस पर संज्ञान लिया। प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री ने एक पत्र जारी कर अग्रहरी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। पत्र में साफ लिखा है कि पार्टी की मर्यादा के खिलाफ आचरण के कारण यह फैसला लिया गया है।
बीजेपी ने बताई 'अनुशासन' की कार्रवाई
पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह फैसला संगठन की छवि और अनुशासन को बनाए रखने के लिए लिया गया है। उनका मानना है कि पार्टी से जुड़े किसी भी व्यक्ति का ऐसा आचरण नहीं होना चाहिए जिससे संगठन की साख पर आंच आए। यह कार्रवाई यह संदेश देती है कि बीजेपी किसी भी तरह की गलत गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी।

राजनीति में बढ़ी हलचल
गौरी शंकर अग्रहरी को सिद्धार्थनगर जिले में एक सक्रिय और पुराने कार्यकर्ता के तौर पर जाना जाता था। उनके अचानक निष्कासन से उनके समर्थकों में भी नाराजगी है। कुछ समर्थकों ने इसे विरोधी की साजिश बताते हुए वीडियो के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है जबकि विपक्ष ने इसे बीजेपी पर हमला करने का मौका बना लिया है।
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेताओं ने बीजेपी पर दोहरी राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि जो पार्टी संस्कृति और आचरण की बात करती है उसके नेता ही ऐसे कामों में लिप्त पाए जा रहे हैं।