Edited By Anu Malhotra,Updated: 17 Dec, 2021 02:41 PM

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार को आड़े हाथों लेते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि वह देश के लिए कुर्बानी देने वालों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों को प्रोत्साहित कर रही है।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार को आड़े हाथों लेते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि वह देश के लिए कुर्बानी देने वालों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों को प्रोत्साहित कर रही है।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन, राजीव चंद्रशेखर और राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पिछले दिनों तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। इस दुर्घटना में जनरल रावत की पत्नी और अन्य 13 सैन्यकर्मियों की भी मौत हो गई थी।
राजनीतिक कार्यकर्ता हेलीकॉप्टर हादसे में मौत का अपमान कर रहे हैं
चंद्रशेखर ने कहा कि भारतीय सपूतों का अपमान करने की एक अजीब सी राजनीतिक संस्कृति को कुछ राजनीतिक दल प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केरल में वामपंथी विचारधारा वाले राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने जनरल रावत, उनकी पत्नी और 12 अन्य वीर जवानों की दुखद हेलीकॉप्टर हादसे में मौत का अपमान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक है कि राज्य की सत्ता में बैठी एक राजनीतिक पार्टी देश के बहादुरों का अपमान कर रही है। मुरलीधरन ने आरोप लगाया कि शहादत का अपमान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई ना करके केरल की वामपंथी सरकार उनका समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा कि जहां हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई थी वहां से केरल बहुत दूर नहीं है और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन यदि चाहते तो वह वहां सबसे पहले पहुंच सकते थे।
हंसा नहीं जाता उन्हें सलाम किया जाता है
उन्होंने कहा कि लेकिन उन्हें समय नहीं मिला...उन्होंने नजरअंदाज करना बेहतर समझा। राठौर ने कहा कि सत्ता के लालच में कुछ राजनीतिक दल यहां तक गिर गए हैं कि वह बहादुर सैनिकों को भी नहीं बख्श रहे हैं। उन्होंने कहा कि बलिदानियों का मजाक उड़ाने से भद्दी बात और क्या हो सकती है...हंसा नहीं जाता उन्हें सलाम किया जाता है।। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राजस्थान में कांग्रेस के एक विधायक ने भी सेना के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोई कार्रवाई नहीं की।