Chandra Grahan 2025: लगने जा रहा है सदी का सबसे दुर्लभ और आखिरी चंद्र ग्रहण, सूतक काल से पहले कर लें ये ज़रूरी काम

Edited By Updated: 07 Sep, 2025 12:03 PM

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इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज यानी 7 सितंबर को लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और 8 सितंबर की रात 1 बजकर 26 मिनट पर खत्म होगा। यह चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा और भारत में साफ...

नेशनल डेस्क : इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज यानी 7 सितंबर को लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और 8 सितंबर की रात 1 बजकर 26 मिनट पर खत्म होगा। यह चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा और भारत में साफ दिखाई देगा।

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कितने बजे शुरू होगी सूतक काल

ज्योतिष नियमों के अनुसार, चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। ऐसे में आज दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से सूतक काल आरंभ हो जाएगा। इस दौरान धार्मिक कार्य करना, देवी-देवताओं को स्पर्श करना और खाना बनाना वर्जित माना गया है।

पितृ पक्ष और भाद्रपद पूर्णिमा का विशेष संयोग

आज से पितृ पक्ष की भी शुरुआत हो रही है और साथ ही भाद्रपद पूर्णिमा भी है। ज्योतिषियों का मानना है कि चंद्र ग्रहण और पितृ पक्ष का साथ आना एक दुर्लभ संयोग है।

सूतक काल से पहले कर ले ये जरूरी काम

1. तुलसी का प्रयोग – ग्रहण के दौरान तुलसी का उपयोग शुभ माना जाता है। इसलिए सूतक काल शुरू होने से पहले ही खाने-पीने की वस्तुओं में तुलसी की पत्तियां डाल दें। ध्यान रहे, पत्ते सूतक काल से पहले ही तोड़े जाएं, क्योंकि इस दौरान तुलसी तोड़ना वर्जित होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहण दोष नहीं लगता।

2. पितरों का तर्पण – 7 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है, इसलिए चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होने से पहले ही पितरों का पिंडदान और तर्पण कर लेना उचित रहेगा।

3. मंदिर के कपाट बंद – इसके साथ ही, चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होते ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। मान्यता है कि ग्रहण के समय भगवान की मूर्तियों को छूना या देवी-देवताओं की पूजा करना उचित नहीं माना जाता।

4. दैनिक और महत्वपूर्ण काम – यात्रा, लेन-देन और अन्य ज़रूरी कार्य सूतक शुरू होने से पहले पूरे कर लें।

5. स्नान और दान – पितृ पक्ष के साथ-साथ कल भाद्रपद पूर्णिमा भी है, इसलिए चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होने से पहले ही स्नान और दान जैसे विशेष अनुष्ठान पूरे कर लें।

 


 

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