Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 04 Sep, 2025 03:12 PM

पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार को भारी हंगामा हुआ, जब बीजेपी और टीएमसी विधायकों के बीच तीखी झड़प हो गई। विवाद बढ़ने पर मार्शल और सुरक्षाकर्मियों को बुलाया गया, जिनसे बीजेपी विधायकों की धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को...
नेशनल डेस्क: गुरुवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा का माहौल अचानक तनावपूर्ण हो गया। सदन की कार्यवाही के दौरान बीजेपी और टीएमसी विधायकों के बीच तीखी बहस छिड़ गई, जो देखते ही देखते धक्का-मुक्की में बदल गई। हंगामा इतना बढ़ गया कि मार्शल और सुरक्षा बलों को बुलाना पड़ा। विधानसभा के अंदर ये असामान्य दृश्य देखने को मिला, जब बीजेपी विधायक सुरक्षाकर्मियों से उलझ पड़े। वे किसी भी कीमत पर अपनी बात को रखने पर अड़े थे। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को भी हस्तक्षेप करते देखा गया, जो बाद में भारी विवाद का कारण बन गया।
शुभेंदु अधिकारी का निलंबन
हंगामे के तुरंत बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को सदन की मर्यादा भंग करने के आरोप में निलंबित कर दिया। यह फैसला विपक्षी विधायकों को और भड़का गया। शुभेंदु अधिकारी के समर्थकों का कहना है कि यह निर्णय राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है और इसका उद्देश्य विपक्ष को दबाना है। वहीं सत्ताधारी टीएमसी ने इसे आवश्यक कदम बताया है।
ममता बनर्जी की तीखी प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में हुई इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा "बीजेपी लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचाना अस्वीकार्य है।" ममता बनर्जी का यह बयान यह संकेत देता है कि सरकार अब इस मुद्दे को और गंभीरता से लेने जा रही है। उन्होंने सभी विधायकों से संयम बरतने की अपील की है।
आखिर विवाद की वजह क्या थी?
इस हंगामे की जड़ में राज्य में कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर उठाए गए सवाल बताए जा रहे हैं। बीजेपी विधायकों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह इन मुद्दों पर चर्चा से बच रही है और विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। बीजेपी विधायक सदन में आंदोलन और नारेबाज़ी कर रहे थे, जिसका जवाब टीएमसी विधायकों ने भी दिया और बात हाथापाई तक जा पहुंची।