Edited By rajesh kumar,Updated: 16 Jan, 2021 07:23 PM
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि कृषि कानूनों को लेकर चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार पहले अपनी ‘गलती'' स्वीकार करनी चाहिए और फिर नए सिरे से बातचीत शुरू करनी चाहिए।
नेशनल डेस्क: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि कृषि कानूनों को लेकर चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार पहले अपनी ‘गलती' स्वीकार करनी चाहिए और फिर नए सिरे से बातचीत शुरू करनी चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘जैसा कि उम्मीद थी, किसानों और सरकार के बीच वार्ता का एक और दौर विफल रहा है। दोष सरकार का है क्योंकि वह विवादित कानूनों से छुटकारा पाने के लिए सहमत नहीं होगी।' पूर्व वित्त मंत्री ने दावा किया, ‘आरटीआई आवेदनों से मिली जानकारी ने सरकार के झूठे को बेनकाब कर दिया कि कृषि अध्यादेशों को जारी करने से पहले व्यापक विचार-विमर्श किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘सच्चाई यह है कि किसी से भी सलाह नहीं ली गई थी। राज्य सरकारों से परामर्श नहीं किया गया था।' चिदंबरम ने कहा, ‘गतिरोध से बाहर निकलने का एकमात्र तरीका सरकार को अपनी गलती स्वीकार करना और नए सिरें से बात शुरू करने के लिए सहमत होना है।'
अगली बैठक 19 जनवरी को
सरकार और किसानों के बीच नौवें दौर की बैठक रही बेनतीजा रही। किसान तीन नये विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे। जबकि सरकार ने किसान नेताओं से उनके रुख में लचीलापन दिखाने की अपील की एवं कानून में जरूरी संशोधन के संबंध अपनी इच्छा जतायी। इस दौर की वार्ता के अंत में दोनों पक्षों ने तय किया कि अगली बैठक 19 जनवरी को होगी। किसान नेता जोगिन्दर सिंह उग्रहान ने संवाददाताओं से बैठक के बाद कहा कि किसान संगठनों ने सरकार से तीनों कानून रद्द करने का आग्रह किया लेकिन केंद्र ऐसा करने को अनिच्छुक दिखी। उन्होंने कहा, ‘हमने 19 जनवरी को दोपहर 12 बजे फिर से मिलने का फैसला किया है।'