Edited By Anu Malhotra,Updated: 08 Sep, 2025 08:33 AM

गुजरात में एक बार फिर से बादलों ने डेरा डाल लिया है। इस हफ्ते की शुरुआत राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश के संकेत के साथ हो रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के कई ज़िलों में अगले 2-3 दिनों तक तेज़ बारिश का अनुमान जताया है और इसके साथ ही...
नेशनल डेस्क: गुजरात में एक बार फिर से बादलों ने डेरा डाल लिया है। इस हफ्ते की शुरुआत राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश के संकेत के साथ हो रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के कई ज़िलों में अगले 2-3 दिनों तक तेज़ बारिश का अनुमान जताया है और इसके साथ ही येलो और ऑरेंज अलर्ट भी जारी किए हैं। राज्य के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में पिछले 24 घंटों के दौरान हल्की से लेकर तेज़ बारिश रिकॉर्ड की गई है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 48 घंटों में भी यही सिलसिला कई ज़िलों में जारी रह सकता है।
इन ज़िलों में बारिश की चेतावनी
IMD ने साफ किया है कि दक्षिण गुजरात के ज़िले जैसे:
सूरत
नवसारी
वलसाड
डांग
भावनगर
भरूच
...और उत्तर गुजरात के ज़िले जैसे:
बनासकांठा
साबरकांठा
मेहसाणा
पाटण
अरावली
गांधीनगर ...बारिश के प्रभाव में रह सकते हैं। कुछ क्षेत्रों में तेज बौछारों से जलभराव और सामान्य जनजीवन में बाधा की संभावना भी जताई गई है।
बारिश का टाइमलाइन: कब कितनी बारिश?
मौसम विभाग का पूर्वानुमान कहता है कि: पहले और दूसरे दिन बारिश का असर अधिक रहेगा, खासकर तटीय और पर्वतीय इलाकों में। तीसरे दिन बारिश धीरे-धीरे कमजोर पड़ सकती है। चौथे दिन से मौसम शांत होने लगेगा और केवल छिटपुट बूंदाबांदी ही देखने को मिलेगी। इस बदलाव के साथ लोगों को गर्मी और उमस से राहत तो मिलेगी, लेकिन कुछ निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बनने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
किसानों को राहत, लेकिन सतर्कता भी जरूरी
इस बार के मानसून में अब तक गुजरात में 1,009 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य औसत से 22% अधिक है। यह आंकड़ा खेती के लिहाज़ से किसानों के लिए सकारात्मक है, क्योंकि इससे खरीफ फसलों को अच्छा लाभ मिलेगा। हालांकि, जहां एक ओर यह वर्षा सिंचाई और जलस्तर के लिए वरदान है, वहीं कई क्षेत्रों में जलभराव और फसल डूबने की शिकायतें भी आ रही हैं।
IMD की अपील: सावधानी बरतें, मौसम का करें सम्मान
मौसम विभाग ने आम लोगों से अपील की है कि वे:
स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें,
जलभराव वाले इलाकों से दूर रहें,
अनावश्यक यात्रा से बचें,
मौसम की अपडेट्स पर नजर बनाए रखें।