Edited By Shivam,Updated: 23 Apr, 2021 12:44 AM
पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार करने से कांग्रेस यूं ही पीछे नहीं हटी है। यह एक रणनीतिक चाल है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को फोन करके विधानसभा चुनाव के बचे 3 चरणों में भाजपा को हराने के लिए...
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार करने से कांग्रेस यूं ही पीछे नहीं हटी है। यह एक रणनीतिक चाल है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को फोन करके विधानसभा चुनाव के बचे 3 चरणों में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस से सहायता मांगी है। ममता के फोन के बाद कांग्रेस ने आराम करना शुरू कर दिया है और उसने अपने सारे चुनावी प्रचार बीच में ही छोड़ दिए हैं। मतदान का छठा चरण वीरवार को हुआ जबकि शेष 2 चरण 26 व 29 अप्रैल को पूरे हो जाएंगे।
कुल 294 सीटों में से इन चरणों की सभी 112 सीटें तृणमूल के लिए इसलिए अहम हैं क्योंकि यहां 43 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है और ममता नहीं चाहतीं कि उनके वोट तृणमूल व कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन में बंट जाएं। सोमवार को प्रियंका गांधी की मौजूदगी में ममता बनर्जी से सोनिया गांधी की टैलीफोन वार्ता में क्या कहा-सुना गया, यह पता नहीं चल सका परंतु सोमवार को ही पश्चिम बंगाल के कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी तेज बुखार के बाद एकांतवास में चल गए।
उन्होंने चुनाव प्रचार बंद कर दिया जबकि मालदा, मुर्शिदाबाद व आसपास की सीटों वाले इन चरणों में कांग्रेस को अधिकतर मत मिल सकते हैं। उसी दिन कांग्रेस के पश्चिम बंगाल प्रभारी जितिन प्रसाद ने कोरोना के कारण राज्य में प्रवेश न करने का फैसला किया।
इनके बाद राहुल गांधी ने सोमवार रात्रि ट्वीट किया कि उन्हें हल्का कोरोना संक्रमण हो गया है और उन्होंने पश्चिम बंगाल में अपनी रैलियां रद्द कर दीं। प्रियंका गांधी ने भी प्रचार करने की बजाय दिल्ली में ही रहने का मन बना लिया। इतना ही काफी नहीं था कि कांग्रेस हाईकमान ने शेष चरणों के लिए अपना कोई भी स्टार प्रचारक पश्चिम बंगाल नहीं भेजने का फैसला किया है।